8 सरकारी नौकरियों के साथ-साथ,इस शख्‍स ने पास की IES परीक्षा

Edited By Sonia Goswami,Updated: 29 Mar, 2019 12:43 PM

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हर IES अधिकारी की सफलता के पीछे जरूर एक मंत्र होता है, जिसे वह अपने जीवन में उतार कर आगे बढ़ता है।

एजुकेशन डेस्कः हर IES अधिकारी की सफलता के पीछे जरूर एक मंत्र होता है, जिसे वह अपने जीवन में उतार कर आगे बढ़ता है। ऐसे ही एक पूर्व IES अधिकारी, अखंड स्वरूप पंडित हैं जिन्‍होंने न केवल UPSC इंडियन इंजीनियरिंग सर्विसेज (IES) की परीक्षा उत्तीर्ण की, बल्कि 8 सरकारी परीक्षाओं को भी सफलतापूर्वक पास किया। अखंड स्वरूप पंडित पढ़ाई के मामले में एक आसत छात्र हुआ करते थे जिन्हें पढ़ाई से नफरत थी। लेकिन इनकी कहानी ने लाखों लोगों को आगे बढ़ने की प्रेरणा दी है। 

इस समय IES अधिकारी अखंड स्‍वरूप पंडित कैटलिस्ट ग्रुप के संस्थापक हैं। इसके साथ ही वह दो बार नेशनल पावर-लिफ्टिंग चैम्पियनशिप भी जीत चुके हैं। आप के लिए शायद इस बात पर यकीन करना मुश्‍किल हो कि जिस इंसान का पढ़ाई में मन नहीं लगता था, आखिर उसने यह परीक्षा कैसे निकाल ली। लेकिन अखण्ड स्वरूप की कहानी सुनने के बाद आपको इस बात पर जरूर विश्वास हो जाएगा। 


अखण्‍ड स्‍वरूप के जीवन में एक ऐसा दुखद पड़ाव आया जिसने उन्‍हें यह सोचने पर मजबूर कर दिया कि जिंदगी अब ऐसे नहीं कटेगी। सच्‍चाई यह है कि हमारे जीवन में विफलता के संकट के बिना सफलता का कोई गर्त नहीं हो सकता है। यात्रा हमेशा असफलता से सफलता की ओर होती है। अखण्‍ड ने अपने जीवन का मंत्र 'मैं कभी हार नहीं मानूंगा' जैसी पंक्‍ति पर टिका लिया और अपने लक्ष्‍य की ओर बढ़ चले। 

हर IES अधिकारी की सफलता के पीछे जरूर एक मंत्र होता है, जिसे वह अपने जीवन में उतार कर आगे बढ़ता है। ऐसे ही एक पूर्व IES अधिकारी, अखंड स्वरूप पंडित हैं जिन्‍होंने न केवल UPSC इंडियन इंजीनियरिंग सर्विसेज (IES) की परीक्षा उत्तीर्ण की, बल्कि 8 सरकारी परीक्षाओं को भी सफलतापूर्वक पास किया। अखंड स्वरूप पंडित पढ़ाई के मामले में एक आसत छात्र हुआ करते थे जिन्हें पढ़ाई से नफरत थी। लेकिन इनकी कहानी ने लाखों लोगों को आगे बढ़ने की प्रेरणा दी है। 

 

इस समय IES अधिकारी अखंड स्‍वरूप पंडित कैटलिस्ट ग्रुप के संस्थापक हैं। इसके साथ ही वह दो बार नेशनल पावर-लिफ्टिंग चैम्पियनशिप भी जीत चुके हैं। आप के लिए शायद इस बात पर यकीन करना मुश्‍किल हो कि जिस इंसान का पढ़ाई में मन नहीं लगता था, आखिर उसने यह परीक्षा कैसे निकाल ली। लेकिन अखण्ड स्वरूप की कहानी सुनने के बाद आपको इस बात पर जरूर विश्वास हो जाएगा। 


अखण्‍ड स्‍वरूप के जीवन में एक ऐसा दुखद पड़ाव आया जिसने उन्‍हें यह सोचने पर मजबूर कर दिया कि जिंदगी अब ऐसे नहीं कटेगी। सच्‍चाई यह है कि हमारे जीवन में विफलता के संकट के बिना सफलता का कोई गर्त नहीं हो सकता है। यात्रा हमेशा असफलता से सफलता की ओर होती है। अखण्‍ड ने अपने जीवन का मंत्र 'मैं कभी हार नहीं मानूंगा' जैसी पंक्‍ति पर टिका लिया और अपने लक्ष्‍य की ओर बढ़ चले। 


आज, अखंड स्वरूप पंडित एक शिक्षा प्रबंधन कंपनी, द कैटलिस्ट ग्रुप के संस्थापक हैं, जो सिविल इंजीनियरिंग, IES, SSC JE, GATE और कई और अधिक सरकारी परीक्षाओं के उम्मीदवारों के लिए मार्ग प्रशस्त करता है।
 

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