Edited By pooja,Updated: 11 Aug, 2018 10:53 AM
लेखिका और भारतीय इतिहास, साहित्य एवं दर्शन की विशेषज्ञ ऑड्री ट्रुश्के ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय विद्वान भारत में ‘‘विवादों से बचने के लिए’’ अपनी किताबों के यहां प्रकाशन से बच रहे हैं।
नई दिल्ली: लेखिका और भारतीय इतिहास, साहित्य एवं दर्शन की विशेषज्ञ ऑड्री ट्रुश्के ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय विद्वान भारत में ‘‘विवादों से बचने के लिए’’ अपनी किताबों के यहां प्रकाशन से बच रहे हैं।
मुगल शासक औरंगजेब पर आधारित ऑड्री की नयी किताब इस समय विवादों में है। ‘औरंगजेब: द मैन एंड द मिथ’ को लेकर जारी विवाद और हैदराबाद के बिड़ला साइंस सेंटर में अपना व्याख्यान रद्द होने से बेपरवाह लेखिका ‘‘दक्षिणपंथी चरमपंथ’’ से डरती नहीं दिख रहीं और उन्होंने कहा कि चाहे ‘‘विवादित हो या गैर विवादित’’, वह विषयों पर लिखती रहेंगी।
अमेरिकी इतिहासकार ने पीटीआई को दिए एक साक्षात्कार में कहा, ‘‘मेरे कई विद्वान मित्र विवादों से बचने के लिए भारत में अपनी रचनाएं प्रकाशित करने से कतरा रहे हैं। वे अपनी किताबें बस अमेरिका में प्रकाशित करते हैं, हम उन्हें वहीं पढ़ते हैं और सबकुछ ठीक होता है।’’
ऑड्री ने कहा कि भारतीय समाज के लिए इसके परिणाम नकारात्मक होंगे। उन्होंने कहा, ‘‘मैं दक्षिणपंथी चरमपंथियों से बात करने की कोशिश नहीं कर रही क्योंकि मैं तर्कशून्य लोगों को नहीं समझा सकती। मैं बीच में खड़े लोगों से बात करने की कोशिश कर रही हूं, भारत में ऐसे लोगों की बड़ी संख्या है और मैं उनसे बात कर रही हूं।’’