इस्लामिक आतंकवाद पाठ्यक्रम का हो रहा है विरोध

Edited By pooja,Updated: 20 May, 2018 09:39 AM

islamic terrorism is being opposed to the curriculum

जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी की अकादमिक परिषद ने इस्लामिक आतंकवाद पर पाठ्यक्रम शुरू करने का प्रस्ताव पारित कर दिया है। यह पाठ्यक्रम नेशनल सिक्योरिटी स्टडीज

नई दिल्ली: जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी की अकादमिक परिषद ने इस्लामिक आतंकवाद पर पाठ्यक्रम शुरू करने का प्रस्ताव पारित कर दिया है। यह पाठ्यक्रम नेशनल सिक्योरिटी स्टडीज के अंतर्गत चलाया जाएगा। इस पाठ्यक्रम को तैयार करने के लिए एक कमेटी बनाई गई थी। इस समिति की अध्यक्षता सेंटर फॉर अफ्र्रीकन स्टडीज के प्रोफेसर अभय कुमार दुबे ने किया है। अकादमिक काउंसिल में पारित प्रस्ताव के अनुसार 5 साल तक इस पाठ्यक्रम को सिर्फ एमफिल और पीएचडी के छात्रों ही पढ़ेंगे। इसके बाद यह पाठ््यक्रम एमए में शुरू किया जाएगा। इस कोर्स के लिए पहले साल में दो प्रोफेसर, दो एसोसिएट प्रोफेसर, 4 असिस्टेंट प्रोफेसर भर्ती किए जाएंगे। 

पाठ्यक्रम को लेकर लिया जाएगा फीडबैक

अकादमिक परिषद की बैठक में पारित इस्लामिक आंतकवाद पाठ्यक्रम को लेकर जेएनयू दो गुटों में बंट गया है। हालांकि अध्यक्ष ने प्रस्ताव को पारित करते हुए कहा कि वे विरोध कर रहे सदस्यों की आपत्तियों पर गौर करेंगे। समिति का पक्ष है कि सदस्यों से फीडबैक लिया जाएगा और दर्ज की गई आपत्तियों पर भी गौर किया जाएगा। 

छात्र संघ ने प्रशासन के खिलाफ खोला मोर्चा
 
जेएनयू छात्र संघ ने प्रशासन के इस कदम का विरोध किया है। उनका कहना है कि इस पाठ्यक्रम से आतंकवाद की असल समस्या का अध्ययन करने की बजाय बीजेपी-आरआरएस के लिए प्रोपेगेंडा की सामग्री तैयार की जाएगी।

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