Edited By pooja,Updated: 29 Jun, 2018 11:57 AM
पिछले कुछ सालों से इंजीनियरिंग की लगभग आधी सीटें खाली रह रहीं हैं। केंद्र सरकार ने भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) को इंजीनियरिंग, मैनेजमेंट और
नई दिल्ली : पिछले कुछ सालों से इंजीनियरिंग की लगभग आधी सीटें खाली रह रहीं हैं। केंद्र सरकार ने भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) को इंजीनियरिंग, मैनेजमेंट और वास्तुकला (आर्किटेक्चर) सहित अन्य टेक्निकल कोर्सेज में अगले 10 से 15 वर्षों में एजुकेशनल प्रोग्राम की आवश्यकता को ध्यान में रखकर राष्ट्रीय परिप्रेक्ष्य में एक योजना तैयार करने के लिए कहा है।
ऑल इंडियन काउंसिल फॉर टेक्निकल एजुकेशन (एआईसीटीई) के द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक, देश में मौजूद 3,291 इंजीनियरिंग कॉलेजों में साल 2016-17 में 50 फीसदी से अधिक सीटें खाली रह गईं थीं। बता दें कि देशभर में मौजूद इन 3,291 इंजीनियरिंग कॉलेजों में बैचलर ऑफ इंजीनियरिंग (बीई) और बैचलर ऑफ टैक्नोलॉजी (बीटेक) को मिलाकर कुल 15.5 लाख सीटें हैं।
वहीं साल 2015-16 में भी 14.76 लाख इंजीनियरिंग सीटें खाली रह गईं थीं। एक अधिकारी के मुताबिक, इस स्थिति से निपटने के लिए केंद्र सरकार ने भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) दिल्ली को आने वाले दशक के लिए एक व्यापक योजना तैयार करने के लिए कहा है। जिसमें तकनीकी शिक्षा में मौजूदा आवश्यकताओं का पता लगाएगा, और उससे मेल खाने के उपायों का सुझाव देगा वहीं इस प्रयास में, आईआईटी-दिल्ली प्रत्येक राज्य में आईआईटी, आईआईएम और एनआईटी के साथ समन्वय करेगा और चार महीने के भीतर शैक्षणिक सुधार पर राष्ट्रीय नीति तैयार करेगा। इसके अलावा यह उद्योग में नौकरी की आवश्यकताओं का भी विश्लेषण करेगा, और निकट भविष्य में तकनीकी पाठ्यक्रमों की मांग की को लेकर भी काम करेगा।