Edited By pooja,Updated: 17 Oct, 2018 11:22 AM
राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (एससीईआरटी) दिल्ली द्वारा विद्यालयी व्यवस्था में शारीरिक व मानसिक दंड के उन्मूलन हेतु विज्ञान भवन में एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया।
नई दिल्ली : राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (एससीईआरटी) दिल्ली द्वारा विद्यालयी व्यवस्था में शारीरिक व मानसिक दंड के उन्मूलन हेतु विज्ञान भवन में एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया।
विद्यालय प्रणाली को भयमुक्त और आनंददायक सीखने का वातावरण बनाने के लिए प्रभावी रणनीतियों की पहचान, शारीरिक दंड के व्यापक सन्दर्भों/परिप्रेक्ष्य जैसे शारीरिक उत्पीडऩ, मानसिक उत्पीडऩ, भेदभाव, अनुशासन की नकारात्मक अवधारणा, अनभिज्ञता, यौन उत्पीडऩ, दोषारोपण, नकारात्मक दृष्टिकोण से नाम संबोधन, शारीरिक व मानसिक दंड को रोकने तथा इससे निपटने के लिए भयमुक्त रणनीति आदि को समझने हेतु दिल्ली के विभिन्न सरकारी एवं निजी विद्यालयों में कार्यरत प्रधानाचार्यों/शिक्षकों को निदेशिका, एससीईआरटी डॉ. सुनीता एस कौशिक, संबंधित विषय पर फराह फारुखी व अन्य विषय विशेषज्ञों द्वारा प्रोत्साहित और प्रशिक्षित किया गया। कार्यक्रम में उप मुख्यमंत्री एवं शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि आज शिक्षा में संवेदनशील मुद्दों पर सही समझ विकसित करने की जरूरत है। उन्होंने भयमुक्त शिक्षा के बारे में चर्चा करते हुए कहा कि समाज और शिक्षा में डरे हुए विद्यार्थी बनाना सही नहीं है।
हमें नई पीढ़ी को डरी हुई समाज व्यवस्था के नागरिक बनाने के बजाए आत्मविश्वास से भरे, प्रतिभावान व जिम्मेदार नागरिक बनाना चाहिए। हमें बच्चे की ऊर्जा को पहचानने तथा व्यवस्थित करने कि जरूरत है। बच्चों के प्रति वर्ग, जाति, धर्म व लैंगिक आधार पर भेदभाव मानसिक दंड के प्रतीक है। साथ ही समाज, शिक्षा व व्यवस्था में असमानताओं को दूर करना बहुत जरूरी है। इस संबंध में उनके द्वारा शारीरिक दंड और बाल उत्पीडऩ पर एक ऑनलाइन प्रशिक्षण कार्यक्रम भी आरंभ किया गया। कार्यक्रम के द्वारा विद्यालयों में शारीरिक उत्पीडऩ के उन्मूलन की आवश्यकता और उससे संबंधित रणनीतियों के संबंध में व्यापक समझ विकसित होगी।