Edited By Sonia Goswami,Updated: 21 Jan, 2019 09:45 AM
मानव संसाधन विकास मंत्रालय प्रकाश जावड़ेकर ने सभी शैक्षणिक संस्थानों और विश्वविद्यालयों को अगामी शैक्षिक वर्ष में आर्थिक रूप से कमजोर सामान्य वर्गों के छात्रों के लिए 10% आरक्षण लागू करने का निर्देश दिया गया है।
एजुकेशन डेस्कः मानव संसाधन विकास मंत्रालय प्रकाश जावड़ेकर ने सभी शैक्षणिक संस्थानों और विश्वविद्यालयों को अगामी शैक्षिक वर्ष में आर्थिक रूप से कमजोर सामान्य वर्गों के छात्रों के लिए 10% आरक्षण लागू करने का निर्देश दिया गया है। वहीं सरकार ने कोटा लागू करने के लिए एक कार्यालय ज्ञापन भी जारी किया है। एचआरडी मिनिस्टर ने कहा-"सरकार ने 10 प्रतिशत आरक्षण लागू करने के लिए एक कार्यालय ज्ञापन जारी कर दिया है।
एक प्रैस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए, जावड़ेकर ने कहा, “हमने अगामी शैक्षणिक वर्ष में इसे लागू करने के लिए सभी संस्थानों और विश्वविद्यालयों को आदेश जारी किए हैं। एक रिपोर्ट के अनुसार- जावड़ेकर ने राज्यों के शैक्षणिक संस्थानों और विश्वविद्यालयों में इस आरक्षण को लागू करने के लिए कहा है।
बता दें, 12 जनवरी 2019 को सामान्य वर्ग के आर्थिक रूप से कमजोर लोगों के लिए लाए गए 10 प्रतिशत आरक्षण बिल राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने मंजूरी दे दी थी. 7 जनवरी 2019 को नरेंद्र मोदी ने साल की पहली कैबिनेट बैठक में इस 10% आरक्षण का ऐलान किया था, जिसके बाद 8 जनवरी 2019 को बीजेपी ने लोकसभा में संविधान का 124वां संशोधन विधेयक 2019 पेश किया गया था। वहीं सामान्य वर्गों के लोगों में से इस आरक्षण का लाभ उन्हें मिलेगा जिनकी सलाना आय 8 लाख रुपए से कम होगी।
उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने आर्थिक रूप से कमजोर सामान्य वर्ग के लोगों को नौकरियों और शैक्षणिक संस्थानों में 10 प्रतिशत आरक्षण के लिए मंजूरी दे दी है। इसी के साथ यूपी में यह आरक्षण व्यवस्था 14 जनवरी से लागू हो गई थी। वहीं गुजरात, झारखंड सरकार ने 10% सवर्ण आरक्षण लागू कर दिए हैं। वहीं पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने इस व्यवस्था को लागू करने से इनकार कर दिया है।