Edited By pooja,Updated: 15 Oct, 2018 11:42 AM
देश के शीर्ष इंजीनियरिंग संस्थानों (आईआईटी) में अधिक विदेशी छात्रों को आकर्षित करने के लिए इस साल से दुनिया के 30 देशों में एमआईटी के तर्ज पर इनकी ब्रांडिंग की जाएगी।
नई दिल्ली : देश के शीर्ष इंजीनियरिंग संस्थानों (आईआईटी) में अधिक विदेशी छात्रों को आकर्षित करने के लिए इस साल से दुनिया के 30 देशों में एमआईटी के तर्ज पर इनकी ब्रांडिंग की जाएगी। विदेशी छात्रों की सहूलियत के लिए इन देशों में जेईई एडवांस की परीक्षा आयोजित करने के लिए भी बातचीत की जा रही है।
हाल ही में हुई आईआईटी काउंसिल की बैठक में प्रकाश जावड़ेकर के सामने आईआईटी को लेकर विदेशी छात्रों की बेरुखी का मुद्दा उठा था। इसके बाद यह फैसला किया गया। मानव संसाधन विकास मंत्रालय में उच्च शिक्षा सचिव आर. सुब्रमण्यन ने इस प्रस्ताव की पुष्टि करते हुए कहा कि विदेशी छात्रों को आकर्षित करने के लिए इसी साल से ‘स्टडी इन इंडिया’ कार्यक्रम शुरू किया गया है।
विदेशी छात्रों को जेईई-एडवांस से छूट के सवाल पर सुब्रमण्यम ने कहा कि आईआईटी का स्तर बनाए रखने के लिए जरूरी है कि इस कठिन परीक्षा को उत्तीर्ण करने वाले छात्र-छात्राएं ही इसमें आएं। ऐसे में विदेशी छात्रों को जेईई-एडवांस में छूट नहीं दी जा सकती। हालांकि जेईई-एडवांस के ऑनलाइन होने के बाद से हमारे लिए इसे विदेशों में कराना आसान हो गया है। हम इसके लिए बातचीत कर रहे हैं। हमारी कोशिश रहेगी कि 30 फोकस देशों में इसका आयोजन किया जा सके। आईआईटी काउंसिल इसके समानांतर आईआईटीज की ब्रैंडिंग करेगा ताकि विदेशी छात्रों को इस बात की जानकारी मिल सके। वे काफी कम शुल्क अदा करके विश्वस्तरीय शिक्षा हासिल कर सकते हैं। हालांकि सचिव ने स्पष्ट किया कि विदेशी छात्रों के मामले में लिया जाने वाला शुल्क भारतीय छात्रों से लिए जाने वाले शुल्क से अधिक होगा और इसका निर्धारण करने के लिए आईआईटी बोर्ड ऑफ गवर्नर स्वतंत्र होगा।