Edited By bharti,Updated: 15 Jun, 2019 12:08 PM
जेईई एडवांस्ड परीक्षा 2019 का आईआईटी रुड़की ने रिजल्ट जारी कर दिया है जिसमें 38705 अभ्यर्थी सफल हुए हैं। अच्छी...
नई दिल्ली (पुष्पेंद्र मिश्र): जेईई एडवांस्ड परीक्षा 2019 का आईआईटी रुड़की ने रिजल्ट जारी कर दिया है जिसमें 38705 अभ्यर्थी सफल हुए हैं। अच्छी रैंक लाने वाले अभ्यर्थियों का देश की 23 आईआईटीज की 11279 सीटों पर दाखिला लेने का सपना तो पूरा हो जाएगा। लेकिन 12 हजार से ऊपर की रैंक वाले अभ्यर्थी भी निराश न हों उनके लिए भी विकल्पों की कमी नहीं है। जेईई एडवांस्ड में 12 हजार से ऊ पर की रैंक पाने वालों के लिए नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नॉलॉजी (एनआईटी) एक अच्छा विकल्प है।
देश की टॉप एनआईटी की बात करें तो एनआईटी तिरची, वारंगल, पटना, राउरकेला, दुर्गापुर, कुरुक्षेत्र, सिलचर आदि देश की प्रसिद्ध एनआईटीज में शुमार हैं। देश में कुल 31 एनआईटीज हैं। हर एनआईटी में इंजीनियरिंग के लिए अपनी क्षमता के अनुसार प्रति एनआईटी 150 सीट्स से लेकर 909 सीट्स तक हैं। एनआईटी दिल्ली में 182 सीट्स हैं। छात्रों को जेईई एडवांस्ड स्कोर पर दाखिले के विकल्पों पर बात करते हुए नवोदय टाइम्स को आईआईटी खडग़पुर से बीटेक और आईआईटी दिल्ली से एमटेक करने वाले दिल्ली आईआईटी में एलुमनी एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष अतुल ने बताया कि अभ्यर्थियों को किसी भी हालत में कम रैंक आने पर निराश होने की आवश्यकता नहीं है। देश में विकल्पों की कमी नहीं है।
कम रैंक वाले छात्र एनआईटी को अपना पहला विकल्प बना सकते हैं हर राज्य में एक एनआईटी है। इसके बाद छात्रों के लिए प्राइवेट इंजीनियरिंग में पचासों बेहतर कॉलेज हैं। जेएस ग्रुप, गलगोटिया ग्रुप, जेपी ग्रुप और एमिटी जैसे कॉलेज इसके अच्छे विकल्प हो सकते हैं। इसके अलावा इसरो का अपना इंजीनियरिंग इंस्टीट्यूट हैं। अगर छात्र की बहुत लो रैंक है तो जेईई मेन्स के स्कोर पर थापर, मनिपाल, वेल्लोर, जाधवपुर जैसे मशहूर कॉलेजों में दाखिला लिया जा सकता है। देश में 8000 से ऊपर इंजीनियरिंग कॉलेज हैं जो जेईई मेन्स स्कोर को स्वीकार करते हैं। हर एक इंजीनियरिंग कॉलेज में कम से कम 250-300 सीट होती है। प्लेसमेंट नौकरी के सवाल पर अतुल कहते हैं कि अब देश के टियर-2 और टियर-3 कॉलेजों में स्टार्टअप कल्चर तेजी से आगे बढ़ रहा है। जिनमें छात्र को करियर के साथ-साथ नई जॉब अपारचुनिटीज क्रिएट करने का मौका मिलता है।