Edited By pooja,Updated: 29 Oct, 2018 01:51 PM
वैकल्पिक शिक्षा नीति का उद्देश्य हमारे संवैधानिक मूल्यों की रक्षा, सरकारी शिक्षा व्यवस्था को मजबूत करना, बौद्धिक आजादी को ज्यादा स्थान देना व हमारे धर्मनिरपेक्ष व
नई दिल्ली : वैकल्पिक शिक्षा नीति का उद्देश्य हमारे संवैधानिक मूल्यों की रक्षा, सरकारी शिक्षा व्यवस्था को मजबूत करना, बौद्धिक आजादी को ज्यादा स्थान देना व हमारे धर्मनिरपेक्ष व बहुसांस्कृतिक परिवेश को संजिदगी से विकसित करना होना चाहिए।
यह कहना है दिल्ली विश्वविद्यालय शिक्षक संघ (डूटा) के अध्यक्ष राजीव रे का। उन्होंने कहा कि इसी उद्देश्य को आगे बढ़ाने के लिए प्वाइंट फोरम फॉर मूवमेन्ट ऑन एजुकेशन (जेएफएमई) के नाम से एक व्यापक मंच बनाया गया है। इस मंच द्वारा सभी जनवादी ताकतों को सम्मिलित कर 29 अक्तूबर को मावलंकर हॉल में सुबह 11 बजे से एक राष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन किया गया है। इस सम्मेलन में देशभर के शिक्षक व जनवादी लोग शामिल होंगे। उन्होंने कहा कि हमारा नारा है कैम्पस बचाओ, शिक्षा बचाओ, देश बचाओ। इस राष्ट्रीय सम्मेलन के द्वारा एक मांग सूची पारित किया जाएगा जो हमारे देश में एक वैज्ञानिक, धर्मनिरपेक्ष, जनवादी व समावेशी सरकारी शिक्षा व्यवस्था की स्थापना के लिए व्यापक संघर्ष का रास्ता दिखाएगा।