Edited By Riya bawa,Updated: 05 Dec, 2019 09:55 AM
जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी शिक्षक संघ (जेएनयूटीए) ने बुधवार ...
नई दिल्ली: जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी शिक्षक संघ (जेएनयूटीए) ने बुधवार को साबरमती ढाबे के पास एक दिनी भूख हड़ताल की और धरना दिया। जिसमें जेएनयू परिसर में चल रहे मुद्दे को सुलझाने के लिए उन्होंने आवाज उठाई। इस मौके पर शिक्षकों ने सैकड़ों पोस्टर बनाकर सड़कों के किनारे-किनारे चस्पा कर दिया। जिनपर जेएनयू प्रशासन से छात्रों के हित में फैसला लेने और बढ़ी हुई हॉस्टल फीस को वापस लेने की मांग की गई। इस मौके पर जेएनयू शिक्षकों ने दिल्ली यूनिवर्सिटी के शिक्षकों का भी समर्थन किया जो अपने अधिकारों के लिए लड़ रहे हैं।
जेएनयू शिक्षकों ने धरना स्थल पर ही एक डेस्क भी लगाई जिसपर स्वेच्छा से किताबें देने और लेने की प्रक्रिया छात्रों द्वारा पूरे दिन चलती रही। शिक्षकों ने धरना स्थल से एमएचआरडी द्वारा बनाई समिति की रिपोर्ट को सार्वजनिक करने की भी मांग की। जेएनयूटीए ने विवि. में बनी इस स्थिति के लिए जेएनयू वीसी और प्रशासन को जिम्मेदार ठहराया। इससे पहले जेएनयू शिक्षकों ने सांसदों के नाम पत्र लिखा जिसमें उन्होंने मुद्दे को संसद में उठाने की अपील की है।
जेएनयू प्रोफेसर आयशा किदवई ने कहा कि छात्र 27 से 32 हजार सालाना पहले ही दे रहे थे फीस बढ़ोत्तरी के बाद उन्हें फीस देना मुश्किल हो जाएगा। विवि. में 22 फीसद छात्र ऐसे हैं जो ईडब्ल्यूएस कैटेगरी से भी नीचे आते हैं। जिनके परिवार की वार्षिक आय 70 हजार रुपए सालाना है। वे परिवार कैसे बढ़ी हुई फीस का भुगतान कर सकेंगे।