Edited By Riya bawa,Updated: 20 Nov, 2019 10:41 AM
जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) ने मंगलवार को दिल्ली उच्च न्यायालय में याचिका...
नई दिल्ली: जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) ने मंगलवार को दिल्ली उच्च न्यायालय में याचिका दायर कर उन प्रदर्शनकारी छात्रों और पुलिस के खिलाफ अवमानना कार्रवाई करने की मांग की जिन्होंने अदालत के आदेश का कथित उल्लंघन करते हुए प्रशासनिक भवन के 100 मीटर के दायरे में प्रदर्शन किया। जेएनयू ने याचिका में दावा किया कि छात्रों ने प्रशासनिक भवन के 100 मीटर के दायरे में विरोध प्रदर्शन और दैनिक कामकाज को प्रभावित कर उच्च न्यायलय के 9 अगस्त 2017 के आदेश का उल्लंघन किया है।
प्रशासनिक भवन में 28 सितम्बर से ही कामकाज प्रभावित हो रहा है। याचिका में कहा गया है कि विश्वविद्यालय में कानून व्यवस्था कायम रखने से इनकार करने और प्रशासनिक भवन के आसपास अवरोधकों को हटाकर दिल्ली पुलिस ने भी उच्च न्यायालय के आदेश की अवमानना की है। जेएनयू ने यह याचिका केंद्र सरकार की स्थायी वकील मोनिका आरोड़ा के जरिये दाखिल की है। इसमें छात्रों और पुलिस के खिलाफ अवमानना नोटिस जारी करने और अदालत के आदेश की जानबूझकर अवज्ञा करने के मामले में अदालती अवमानना कानून के तहत सजा देने की मांग की गई है।
याचिका में दिल्ली पुलिस के आयुक्त अमूल्य पटनायक को जेएनयू की मौजूदा स्थिति को नियंत्रित करने, भविष्य में छात्रों और उनके नेताओं को अवमानना कार्रवाई रोकने और प्रशासनिक भवन के 100 मीटर दायरे से हटाने में मदद करने का निर्देश देने की मांग की गई है। गौरतबल है कि छात्रावास के शुल्क बढ़ाने के खिलाफ छात्र प्रदर्शन कर रहे हैं और सोमवार को संसद मार्च के लिए जेएनयू से निकले सैकड़ों छात्रों के कारण शहर के कई इलाके थम गए थे।
मार्च को रोकने की वजह से छात्रों की पुलिस से बहस हुई। वहीं छात्रों ने पुलिस पर लाठी चार्ज करने का आरोप लगाया है। हालांकि, शीर्ष अधिकारियों ने इससे इनकार किया है। दिल्ली पुलिस ने छात्रों के प्रदर्शन को लेकर मंगलवार को दो प्राथमिकी दर्ज की। पुलिस के मुताबिक छात्रों के आठ घंटे तक चले प्रदर्शन के दौरान 30 पुलिस कर्मी और 15 छात्र घायल हुए।