जेएनयू छात्र संघ चुनाव : सात साल का रिकॉर्ड टूटा

Edited By pooja,Updated: 17 Sep, 2018 10:22 AM

jnu student union elections seven year records broken

जेएनयू छात्र संघ चुनाव में सात सालों बाद सेंट्रल पैनल में अध्यक्ष पद की जीत में एक हजार मतों से भी ज्यादा अंतर है। इससे पहले जेएनयू वर्ष 2011 में आइसा की अध्यक्ष पद

नई दिल्ली: जेएनयू छात्र संघ चुनाव में सात सालों बाद सेंट्रल पैनल में अध्यक्ष पद की जीत में एक हजार मतों से भी ज्यादा अंतर है। इससे पहले जेएनयू वर्ष 2011 में आइसा की अध्यक्ष पद की उम्मदीवारें सुचिता डे ने लगभग 700 मतों से अपने प्रतिद्वंद्वी को हराया था। इसके बाद वर्ष 2018 में वाम मोर्चा के अध्यक्ष पद के उम्मीदवार एन साई बालाजी ने अपने प्रतिद्वंद्वी को 1179 मतों से पिछे छोड़ा। 


गौरतलब है कि मतगणना के दौरना शुरु से ही बालाजी पहले नंबर पर बने हुए थे। इस बारे में जाकरी देते हुए आइसा के अध्यक्ष विजय कुमार ने बताया कि जब से लेफ्ट यूनिटी बनी है, तब से सबसे ज्यादा मतों से पहली बार वामा मोर्चा को इतना मत मिला है। 


जबकि इसे पहले इतना मत आइसा के किसी भी उम्मीदवार को नहीं मिला है। गौरतलब है कि स्कूल ऑफ इंटरनेशनल स्टडीज से पीएचडी एनसाई बालाजी पीएचडी कर रहे है। इसे पहले उन्होंने नोएडा के स्कूल से मीडिया विषय पर अपना स्नातक किया है। इसके साथ ही बाला न्यूज एजेंसी में काम भी कर चुके है। वहीं अपनी ऐतिहासिक जीत पर बोलते हुए बाला जी ने कहा कि इसे साफ पता चलता है कि छात्रा वाम मार्चा पर यकीन करता है। अपने सफर के बारे में बताते हुए कि मैं एक मध्यम परिवार से ताल्लुक रखता हूं। हैदराबाद से जेएनयू तक सफर बहुत ही अच्छा रहा। इस दौरान बहुत कुछ सीखने को मिला। इसके साथ ही जेएनयू में दो बार पार्षद पद के लिए भी खड़े हुए, जिसमें एक बार हार का सामना भी करना पड़ा। यही वजह है कि हमारी यही कोशिश रहेगी कि हम छात्रों के हक को लेकर हमेशा खड़े रहे। 

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