JNU: फीस बढ़ोतरी पर मचा बवाल, 40 फीसद छात्रों की बढ़ी मुश्किलें

Edited By Riya bawa,Updated: 13 Nov, 2019 11:14 AM

jnu students protest against fee hike

जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी में फीस बढ़ोतरी...

नई दिल्ली(पुष्पेंद्र मिश्र): जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी में फीस बढ़ोतरी को लेकर छात्रों द्वारा लगातार प्रदर्शन किया जा रहा है। 15 दिन लगातार प्रदर्शन के बावजूद जेएनयू वीसी द्वारा छात्रों से बात न करने पर जेएनयूएसयू ने आज ही सुबह 9 बजे प्रशासनिक भवन पर प्रदर्शन करने की रणनीति बनाई है। यूनिवर्सिटी के दूसरे छात्र संगठन एबीवीपी ने आज यूजीसी के बाहर प्रदर्शन करने की ठानी है। यूनिवर्सिटी की एक प्रोफेसर के अनुसार विवि. में आय के स्रोतों को रोक दिया गया है। इसलिए फीस बढ़ोतरी जैसे कदम प्रशासन उठा रहा है। 

प्रोफेसर का कहना है कि पहले जेएनयू एंट्रेंस एग्जाम यूनिवर्सिटी अपने लेवल पर लेती थी जिसमें तकरीबन 1.25 करोड़ रुपए का खर्च होता था लेकिन इस एग्जाम से 3 करोड़ रुपए की आय विवि. को होती थी। जिसमें खर्च के बाद बचे पैसे को विवि. के छात्रों में मेरिट कम स्कॉलरशिप दी जाती थी। अब ये एंट्रेंस एग्जाम एनटीए को दे दिया गया है जिसके लिए यूनिवॢसटी 9 करोड़ रुपए खर्च कर रही है। जेएनयू में हिंदुस्तान के पिछड़े इलाकों के गरीब तबके से लोग आते हैं विवि. के नियमों में ये प्रावधान है कि सबसे गरीब इलाकों से आने वाले छात्र को अतिरिक्त ग्रेस माक्र्स तक दिया जाता था। साथ ही महिला छात्राओं को भी आरक्षण का लाभ मिलता था यूनिवर्सिटी का ध्येय ये था कि गरीब से गरीब तबके से आने वाले छात्रों को सस्ती शिक्षा मुहैया कराई जाए। 

यूनिवर्सिटी का तकरीबन 1.5 करोड़ रुपए का सालाना बजट है। विवि. में पढऩे वाले 8500 छात्रों में तकरीबन 40 फीसद छात्र ऐसे हैं जिनके मां-बाप की वार्षिक आय 1 लाख 44 हजार रुपए से कम है। उनके लिए आगे की पढ़ाई इस हॉस्टल मैनुअल से मुश्किल हो जाएगी। क्योंकि जहां वह मेस-हॉस्टल बिल मिलाकर 32000 रुपए सालाना पहले भुगतान कर रहे थे अब 60 हजार रुपए उन्हें भुगतान करना होगा। अभी तक हजारों छात्रों को मिल रही 5000 महीना एमसीएम स्कॉलरशिप से वह अपने खर्चे काटकर 1 हजार या 1500 रुपए अपने परिवार को भी भेज पा रहे हैं। लेकिन जब छात्रों के फीस को मिलाकर खर्चे सालाना 60 हजार रुपए से अधिक हो जाएंगे तब ये संभव नहीं होगा। सैकड़ों छात्रों को पढ़ाई बीच में ही छोडऩी पड़ेगी। 

आज भी कई परिवार लड़कियों को उच्च शिक्षा के लिए बाहर नहीं भेजते हैं लेकिन जेएनयू में कम फीस के चलते 51 फीसद छात्राएं अपनी उच्च शिक्षा पूरी करती हैं। इस हॉस्टल मैनुअल के बाद सैकड़ों लड़कियों के मां-बाप जेएनयू में बेटी पढ़ाने का सपना नहीं देख पाएंगे। यूनिवर्सिटी में 18 हॉस्टल हैं जिनमें 2 शादी-शुदा कपल के लिए हैं बाकी 16 छात्र-छात्राओं के लिए पहले शादी शुदा कपल ही सर्विस चार्ज और बिजली पानी बिल भुगतान करते थे लेकिन अब सभी छात्रों को ये भुगतान करना होगा जोकि  आसान नहीं होगा। यूनिवर्सिटी का कहना है कि यूजीसी से उसे छात्रों के हॉस्टल के सर्विस का बिजली पानी का पैसा नहीं मिलता इसलिए हर साल विवि. को 10  करोड़ रुपए 16 हॉस्टल के बिजली-पानी -रख रखाव के लिए खर्चना पड़ता है। 

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