Edited By Sonia Goswami,Updated: 09 Nov, 2018 03:33 PM
उत्तर प्रदेश के 4531 सहायता प्राप्त माध्यमिक विद्यालयों में शिक्षकों व प्रधानाचार्यों की नियुक्ति प्रक्रिया नई सरकार बनने के डेढ़ साल बाद भी शुरू नहीं हो सकी है।
लखनऊः उत्तर प्रदेश के 4531 सहायता प्राप्त माध्यमिक विद्यालयों में शिक्षकों व प्रधानाचार्यों की नियुक्ति प्रक्रिया नई सरकार बनने के डेढ़ साल बाद भी शुरू नहीं हो सकी है। उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड के अप्रैल में पुनर्गठन के बाद युवाओं को उम्मीद थी की नियुक्ति प्रक्रिया पटरी पर आएगी। लेकिन वर्तमान में स्थिति यह है कि एक ओर इन स्कूलों में 16 हजार से अधिक पद खाली हैं और चयन बोर्ड विषय निर्धारण में ही फंसा है।
चयन बोर्ड ने 2016 में सहायक अध्यापक (टीजीटी) के 7950 और प्रवक्ता (पीजीटी) के 1344 कुल 9294 पदों के लिए आवेदन लिए थे। टीजीटी-पीजीटी 2016 के लिए 10,71,382 प्रतियोगियों ने फार्म भरा था। जिनमें प्रशिक्षित स्नातक के 7950 पदों के लिए 6,55,304 और प्रवक्ता के 1344 पदों पर 4,16,078 आवेदक थे। लेकिन दो साल से अधिक का समय बीतने के बावजूद अब तक लिखित परीक्षा नहीं हो सकी है।
चयन बोर्ड ने 27 से 29 सितंबर तक लिखित परीक्षा की तारीख प्रस्तावित की थी लेकिन इस बीच जुलाई में टीजीटी-पीजीटी 2016 के आठ विषयों की भर्ती प्रक्रिया निरस्त कर दी गई। हाईस्कूल स्तर पर जीव विज्ञान, काष्ठ शिल्प, पुस्तक कला, टंकण और आशुलिपि टंकण जबकि इंटरमीडिएट में वनस्पति विज्ञान विषय समाप्त कर दिए गए। हाईस्कूल तथा इंटर स्तर पर संगीत की भर्ती भी यह कहते हुए निरस्त कर दी गई की इस नाम का कोई विषय निर्धारित ही नहीं है।
विषय निर्धारण के लिए सचिव यूपी बोर्ड नीना श्रीवास्तव, अपर निदेशक माध्यमिक मंजु शर्मा और संयुक्त शिक्षा निदेशक माया निरंजन की तीन सदस्यीय समिति ने सितंबर में ही शासन को रिपोर्ट भेजी थी। लेकिन आठ विषयों की भर्ती निरस्त हुए तीन महीने से अधिक का समय बीतने के बावजूद विषय निर्धारण नहीं हो सका है। 9294 पद 2016 में विज्ञापित हुए थे जबकि वर्तमान में सहायक अध्यापक के 6172 और प्रवक्ता के 953 खाली पदों की सूचना चयन बोर्ड को मिल चुकी है। लेकिन चयन बोर्ड की ओर से विज्ञापन जारी नहीं हो रहा।