Edited By pooja,Updated: 18 Mar, 2019 11:04 AM
वर्ष 2013 में उत्तर प्रदेश के शंभू प्रसाद गुप्ता ने दिल्ली अधीनस्थ सेवा चयन (डीएसएसएसबी) में स्पेशल एजुकेशन टीचर के पीजीटी पोस्ट के लिए (पोस्ट कोड 1/13) आवेदन किया था।
नई दिल्ली: वर्ष 2013 में उत्तर प्रदेश के शंभू प्रसाद गुप्ता ने दिल्ली अधीनस्थ सेवा चयन (डीएसएसएसबी) में स्पेशल एजुकेशन टीचर के पीजीटी पोस्ट के लिए (पोस्ट कोड 1/13) आवेदन किया था। डीएसएसएसबी के लिखित परीक्षा में कटऑफ से ज्यादा नंबर लाने के बाद भी नौकरी के लिए दर-दर भटक रहे हैं। दरअसल, डीएसएसएसबी की मेरिट सूची में अभ्यर्थी का नाम नहीं था, क्योंकि अभ्यर्थी ने सीटेट की परीक्षा ओबीसी वर्ग में पास की थी।
डीएसएसएसबी की मानें तो जिन आवेदकों ने सीटेट की परीक्षा ओबीसी वर्ग में पास किया है। उन्हें समान्य वर्ग में नौकरी नहीं दी जाएगी। इस पूरे मामले को लेकर अभ्यर्थी शंभू और लाल बहादुर के साथ कई अन्य अभ्यर्थी ने इंसाफ की मांग को लेकर कैट का दरवाजा खटखटाया। कैट ने 20 अगस्त 2018 को सुनवाई करते हुए अपना फैसला इन अभ्यर्थी के हक में सुनाया। इस बारे में अभ्यर्थी शंभू प्रसाद ने बताया कि पिछले छह साल से नौकरी के लिए लड़ाई लड़ रहा हूं। लेकिन अभी तक इंसाफ नहीं मिला है। उन्होंने बताया कि वर्ष 2018 में इंसाफ की तलाश में कैट का दरवाजा खटखटाया था। कैट ने अपने फैसले में कहा था कि ओबीसी वर्ग में सीटेट पास करने वाले अभ्यर्थी भी डीएसएसएसबी में सामान्य पद के लिए भर्ती हो सकते है। क्योंकि सीटेट भी बी.ए, बी.एड की तरह एक योग्यता पत्र ही है।