Edited By Riya bawa,Updated: 11 Jun, 2020 12:32 PM
देशभर में कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों के चलते लॉकडाउन कर दिया गया था जिसके कारण एजुकेशन सेक्टर प्रभावित हुआ है। इस लॉक डाउन के तहत देश में ऑनलाइन पढ़ाई का चलन अचानक काफी बढ़ गया है। कुछ पेरेंट्स ने छोटे बच्चों की ऑनलाइन पढ़ाई को सही नहीं माना है।...
नई दिल्ली: देशभर में कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों के चलते लॉकडाउन कर दिया गया था जिसके कारण एजुकेशन सेक्टर प्रभावित हुआ है। इस लॉक डाउन के तहत देश में ऑनलाइन पढ़ाई का चलन अचानक काफी बढ़ गया है। कुछ पेरेंट्स ने छोटे बच्चों की ऑनलाइन पढ़ाई को सही नहीं माना है। यह खबर कर्नाटक की है जहां केजी से 5वीं क्लास तक के बच्चों की ऑनलाइन पढ़ाई नहीं होगी।
ये है अहम् फैसले
#पेरेंट्स की अपील के बाद कर्नाटक सरकार ने बुधवार को ये ऐलान कर दिया कि राज्य में अब केजी से लेकर 5वीं क्लास तक की ऑनलाइन क्लासेज नहीं ली जाएंगी।
# सरकार ने दो फैसले लिए- पहला तो ये, एलकेजी, यूकेजी और प्राइमरी स्टैंडर्ड के बच्चों के लिए ऑनलाइन क्लासेज तुरंत रोक दी जाएं।
#ऑनलाइन क्लासेज के नाम पर ली जा रही फीस भी न ली जाए. राज्य के प्राइमरी और सेकेंडरी एजुकेशन मंत्री एस. सुरेश कुमार ने ये जानकारी दी।
शिक्षा मंत्री एस. सुरेश कुमार ने बताया, ऑनलाइन क्लासेज को लेकर हमें कई शिकायतें मिल रही थीं. इसे देखते हुए विशेषज्ञों के साथ बात की गई. हर किसी का यही मानना है कि ऑनलाइन क्लासेज क्लासरूम की पढ़ाई का विकल्प नहीं हो सकतीं। इसके अलावा इस बात पर भी चर्चा की गई की ऐसे में जबकि स्कूलों को दोबारा खोलने को लेकर कोई स्पष्टता नहीं है तो बच्चों को घर पर ही किस तरह व्यस्त रखा जाए। इसके लिए प्रोफेसर एमके श्रीधर की अगुआई में एक समिति का गठन किया गया है जो इससे संबंधित गाइडलाइंस तैयार करेगी।