Edited By pooja,Updated: 29 Jan, 2019 01:33 PM
जेईई मेन परीक्षा कैंडिडेट्स लगातार तीन साल तक दे सकते हैं। लेकिन एक बात को ध्यान में जरूर रखें कि किसी साल अगर आपने परीक्षा नहीं दी, तो वो साल भी गिनती में आएगा।
नई दिल्ली: जेईई मेन परीक्षा कैंडिडेट्स लगातार तीन साल तक दे सकते हैं। लेकिन एक बात को ध्यान में जरूर रखें कि किसी साल अगर आपने परीक्षा नहीं दी, तो वो साल भी गिनती में आएगा। उदाहरण के तौर पर मान लीजिए कि आपने पहली बार परीक्षा 2016 में दी लेकिन 2017 में नहीं दी। इस स्थिति में आपने भले ही 2017 में परीक्षा नहीं दी लेकिन वह आपका दूसरा अटेम्पट माना जाएगा यानी ऐसा नहीं है कि अगर आपने बीच में परीक्षा नहीं दी तो एक चांस बच गया।
वैसे अब जेईई मेन की परीक्षा साल में दो बार होगी। इस स्थिति में भी दोनों अटेम्पट को एक ही माना जाएगा। अब भी आपको पहले की तरह ही 3 साल यानी 6 अटेम्पट मिलेंगे। बता दें कि जेईई अडवांस्ड के लिए 2 चांस मिलता है।
आयु सीमा: जेईई मेन या अडवांस्ड में बैठने के लिए कोई आयु सीमा निर्धारित नहीं है। 12वीं में पास होना जरूरी है या 12वीं की परीक्षा दी है। अगर कोई स्टूडेंट पहले एक बार 12वीं में फेल हो गया हो और दोबारा परीक्षा दी हो, वह इसके लिए अप्लाई नहीं कर सकता है।
पास परसेंटेज: वैसे पेपर में बैठने के लिए कोई खास परसेंटेज तय नहीं है। लेकिन ऐडमिशन के लिए 12वीं में कम से कम 75 फीसदी मार्क्स होना चाहिए या संबंधित बोर्ड द्वारा आयोजित परीक्षा में टॉप 20 परसेंटाइल हो। एससी/एसटी कैंडिडेट्स के लिए 12वीं क्लास के एग्जाम में कम से कम 65 फीसदी मार्क्स होना चाहिए।