Edited By bharti,Updated: 20 Apr, 2018 06:32 PM
उत्तर प्रदेश सरकार का दावा है कि मदरसा पोर्टल की मदद से इनके कामकाज और पूरी व्यवस्था पर नजर रखना काफी आसान हो गया है। इस ...
नई दिल्ली : उत्तर प्रदेश सरकार का दावा है कि मदरसा पोर्टल की मदद से इनके कामकाज और पूरी व्यवस्था पर नजर रखना काफी आसान हो गया है। इस पोर्टल की मदद से अब राज्य में मदरसों से जुड़ी सभी तरह की जानकारियों का एक डाटा बैंक तैयार हो पाया है। जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी अमित प्रताप सिंह ने बताया कि जिले मे अभी तक इस पोर्टल पर 382 मदरसों ने रजिस्ट्रेशन कराया है । यहां काम कर रहे सभी मदरसों को पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन कराने के लिए दो से तीन बार समय दिया गया जिसके बाद 382 मदरसों ने रजिस्ट्रेशन कराया है। इन मदरसों के अध्यापक , यहां के व्यवस्थापना और बच्चों की संख्या से लेकर तमाम तरह की छोटी से छोटी जानकारी इस पोर्टल पर मुहैया करायी गयी है। उन्होंने बताया कि इस पोर्टल के आने से तमाम तरह की सहूलियतें हो रहीं हैं।
अब मदरसों में पढाई से लेकर इनके व्यवस्थापन में कई तरह के बदलाव आ गये हैं। मदरसों में पढाई का समय और बच्चों के लिए दिन में होने वाले आंशिक अवकाश के लिए भी समय सारिणी आ चुकी है। पोर्टल की मदद से मदरसों मे पढाने वाले अध्यापकों को भी काफी फायदा हुआ है। यहां काम करने वाले अध्यापकों को ऑनलाइन सैलरी दी जा रही है। इन अध्यापकों से जुड़ी सारी जानकारी इनकी शैक्षिक योग्यता, फोटो ,आधारकार्ड आदि सभी की जानकारी इस पोर्टल पर डाली गयी है और इस तरह से मदरसों और यहां व्यवस्थापन तथा अध्यापकों से जुड़ी तमाम तरह की जानकारी इस पोर्टल की मदद से हासिल की जा सकती है।
इसकी मदद से अध्यापकों को भी समय से ऑनलाइन सेलेरी भेज दी जाती है जिससे उन्हें काफी सहूलियतें हुई हैं। श्री सिंह ने बताया कि ऐसा नहीं है कि इसी साल पोर्टल पर मदरसों का रजिस्ट्रेशन किया गया है। माना जा रहा है कि हर साल अप्रैल माह में संभवत: पोर्टल खोला जायेगा ताकि नये और वह मदरसें जो रजिस्ट्रेशन नहीं करा पाये थे वे सभी पोर्टल पर रजिस्स्ट्रेशन करा सकते हैं। इस पोर्टल के आने से न केवल मदरसों की निगरानी आसान हुई है बल्कि यहां काम करने वाले अध्यापकों और व्यवस्थापन से जुड़े लोगों को भी कई तरह की सहूलियतें मिल पायीं हैं। उम्मीद है इस पहल को सकारात्मक तरीके आगे बढाने से मदरसों को आधुनिक बनाने मे काफी मदद मिलेगी।