Edited By bharti,Updated: 08 Oct, 2018 08:55 AM
बॉम्बे हाईकोर्ट महाराष्ट्र सरकार को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है कि सर्वशिक्षा अभियान मानसिक रुग्णता के ..
नई दिल्ली: बॉम्बे हाईकोर्ट महाराष्ट्र सरकार को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है कि सर्वशिक्षा अभियान मानसिक रुग्णता के शिकार बच्चों के सरकारी आश्रयगृहों में लागू किया जाए। सर्वशिक्षा अभियान सार्वभौमिक मूल शिक्षा हासिल करने का प्रमुख सरकारी कार्यक्रम है।न्यायमूर्ति ए एस ओका और न्यायमूर्ति एम एस सोनक की खंडपीठ ने विकलांग आयुक्त के इस हलफनामे का संज्ञान लिया कि इस सरकारी योजना और शिक्षा के अधिकार (आरटीई) के प्रावधान ऐसे गृहों में भी लागू होते हैं। हलफनामे में अदालत से राज्य सरकार के शिक्षा विभाग को इसे लागू करने का निर्देश दिये जाने की अपील की गयी है। अदालत ने मीडिया में मुम्बई के अनाथालयों और मानसिक रुग्णता के शिकार बच्चों के सरकारी आश्रयगृहों की बुरी स्थिति के बारे में छपी खबरों का जनहित याचिका के रुप में स्वत: संज्ञान लिया। अदालत ने इस मुद्दे पर गौर करने और समय समय पर रिपोर्ट पेश किये जाने के लिए सामाजिक कार्यकर्ता डॉ. आशा बाजपेयी की अगुवाई में एक समिति भी गठित की थी।
न्यायमूर्ति ओका ने कहा, ‘‘हम समझ नहीं पा रहे हैं कि मुख्य सचिव शिक्षा विभाग या उसके सचिव को निर्देश क्यों नहीं जारी कर सकते। हलफनामा स्पष्ट तौर पर कहता है कि (विशेष जरुरत वाले बच्चों के) विशेष विद्यालयों और आश्रयगृहों को सर्वशिक्षा अभियान के तहत सहायता मिलनी चाहिए और यदि इन बच्चों को समर्थ पाया जाता है तो उन्हें नियमित विद्यालय भेजा जाना चाहिए। ’’ पीठ ने मुख्य सचिव को शिक्षा विभाग को जरुरी निर्देश जारी करने के लिए कहा।