Edited By Punjab Kesari,Updated: 29 Mar, 2018 04:13 PM
उत्तर प्रदेश सरकार ने मदरसा परीक्षाओं के प्रारूप व्यापक तब्दीली करते हुये पहली बार परीक्षा...
नई दिल्ली : उत्तर प्रदेश सरकार ने मदरसा परीक्षाओं के प्रारूप व्यापक तब्दीली करते हुये पहली बार परीक्षा केंद्र बाहरी विद्यालयों में बनाये गये हैं । आधिकारिक सूत्रों ने आज यहां बताया कि नयी व्यवस्था के तहत इन परीक्षाओं में मदरसा प्रबंधन की कोई दखलंदाजी नहीं होगी और पूरी व्यवस्था गैर मदरसा स्टाफ संभालेगा। मदरसों का प्रबंधन और स्टाफ को परीक्षा केंद्र में जाने की अनुमति नहीं होगी।
परीक्षा संचालन के लिए समाज कल्याण अधिकारी, पिछड़ावर्ग कल्याण अधिकारी एवं दिव्यांगजन कल्याण अधिकारी को स्टेटिक मजिस्ट्रेट के रूप में तैनात किया जाएगा जबकि अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी के नेतृत्व में पांच सदस्यीय सचल दस्ता बनाया जाएगा। हर केंद्र पर महिला परीक्षक भी तैनात रहेंगी। उर्दू के जानकार को सहायक के तौर पर हर केंद्र में पदस्थ किया जाएगा लेकिन वह केंद्र कार्यालय तक सीमित रहेगा।
सूत्रों ने बताया कि मुंशी (हाईस्कूल), आलिम (इंटर), बीए व स्नातक (हाफिज) एवं एमए व परास्नातक (कामिल) की परीक्षाएं 16 से 28 अप्रैल तक कराने का निर्णय लिया गया है। इसके लिए झांसी में तीन केंद्र बनाए गए हैं। अब मदरसों में परीक्षा नहीं कराई जाएगी बल्कि आर्य कन्या इंटर कॉलेज में लड़कियों व सरस्वती इंटर कॉलेज तथा लक्ष्मी व्यायाम मंदिर इंटर कॉलेज में लड़कियों व लड़कों के लिए संयुक्त परीक्षा केंद्र बनाए गए हैं। यहां 18 मदरसों के बच्चे परीक्षा देंगे। उन्होने बताया कि जिले में 391 मदरसे थे लेकिन 18 ने ही पोर्टल पर पंजीकरण कराया है, लिहाजा उन्हीं मदरसों को परीक्षा की अनुमति दी गई है। इन मदरसों में 1600 बच्चे पंजीकृत हैं जिनमें से 700 लड़कियां 900 लड़के हैं। सूत्रों ने बताया कि हर परीक्षा केंद्र पर सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएंगे ताकि नकल न हो सके। साथ ही परीक्षा के बाद मूल्यांकन के समय 20 प्रतिशत कॉपियों की रेंडम चेकिंग होगी ताकि खाली कॉपी छोडऩे वाले पकड़े जा सकें।