Edited By pooja,Updated: 17 Sep, 2018 10:11 AM
सुप्रीम कोर्ट ने साफ किया कि यूनियन पब्लिक सर्विस कमीशन (यूपीएससी) सूचना के अधिकार अधिनियम के तहत सिविल सर्विसेज परीक्षा का अंक बताने के लिए बाध्य नहीं है।
नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट ने साफ किया कि यूनियन पब्लिक सर्विस कमीशन (यूपीएससी) सूचना के अधिकार अधिनियम के तहत सिविल सर्विसेज परीक्षा का अंक बताने के लिए बाध्य नहीं है।
दरअसल इस मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट में रिव्यू पिटीशन दायर की गई थी। जिसपर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने अपने पुराने फैसले को ही बरकरार रखा है। सुप्रीम कोर्ट ने इस साल फरवरी में दिल्ली हाईकोर्ट के 5 साल पुराने एक फैसले को खारिज करते हुए कहा था कि आरटीआई के तहत अंक बताना जरूरी नहीं है। जस्टिस यूयू ललित की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि हम समीक्षा याचिकाओं की सारी चीजें देख चुके हैं। हमें इसमें कोई गलतियां नहीं दिख रही है। हम इस रिव्यू पिटीशन को खारिज कर रहे हैं। इससे पहले फरवरी में जस्टिस आदर्श कुमार गोयल और यूयू ललित की बेंच ने इस मामले पर अपना पक्ष रखते हुए कहा था कि अंकों को सार्वजनिक करने का गहरा नकरात्मक असर मूल्यांकन प्रक्रिया पर पड़ सकता है। इससे न केवल प्रतिष्ठा बल्कि सिस्टम की अखंडता के साथ समझौता करने के बराबर होगा। सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि दूसरे शैक्षणिक निकायों की परीक्षाओं की स्थिति अलग होती है।