Edited By Riya bawa,Updated: 02 May, 2020 02:37 PM
कोरोना वायरस लॉकडाउन के चलते देशभर के सभी शिक्षण संसथान बंद है, वहीं दूसरी ओर ऑनलाइन माध्यम से बच्चों को स्टडी करवाई जा रही है। लेकिन बहुत से छात्रों ऐसे भी है जहां इंटरनेट की सुविधा...
नई दिल्ली: कोरोना वायरस लॉकडाउन के चलते देशभर के सभी शिक्षण संसथान बंद है, वहीं दूसरी ओर ऑनलाइन माध्यम से बच्चों को स्टडी करवाई जा रही है। लेकिन बहुत से छात्रों ऐसे भी है जहां इंटरनेट की सुविधा न होने की वजह से शिक्षा प्रभावित हो रही है। इस लॉकडाउन के चलते निराशा के बीच आशा या यूं कहिए कि शिक्षा की किरण दिख रही है। शिक्षा की ये मिसाल राजस्थान के नागौर जिले के एक सरकारी स्कूल टीचर्स ने कायम की है।
सबसे खास बात ये है कि लॉकडाउन के चलते ये टीचर्स बच्चों को नहीं, उन मजदूरों को पढ़ा रहे हैं जो लॉकडाउन फंस गए हैं और उनके गांव के स्कूल में क्वारंटाइन किए गए हैं। स्कूल के टीचर्स ने अब लॉकडाउन के बीच इन मजदूरों को पढ़ाने का बीड़ा उठाया है। स्कूल टीचर ने बताया, ये मजदूर अपने घरों को लौट रहे हैं, इस दौरान क्वारंटाइन किए जाने के बाद हमने सोचा कि क्यों न इस वक्त का इस्तेमाल इन्हें पढ़ाने में किया जाए ताकि ये इनकी आगे की जिंदगी में काम आ सके।
सिखाया गया नाम लिखना
लॉकडाउन के बीच फंसे इन 19 मजदूरों ने क्वारंटाइन अवधि में स्कूल के टीचर्स की मदद से अब अपना नाम लिखना और पढ़ना सीख लिया है। इतना ही नहीं, इन्होंने दस तक गिनती भी सीख ली है, इन्हें पढ़ाने वाले टीचर के अनुसार अब ये लोग मोबाइल फोन में सर्च कर सकते हैं और नंबर सेव कर सकते हैं।