Edited By Punjab Kesari,Updated: 04 Feb, 2018 11:29 AM
अल्पसंख्यक समुदायों के बच्चों खासकर मुस्लिम समाज की लड़कियों के स्कूली स्तर से ही पढ़ाई छोडऩे (ड्रॉपआउट) की समस्या...
नई दिल्ली : अल्पसंख्यक समुदायों के बच्चों खासकर मुस्लिम समाज की लड़कियों के स्कूली स्तर से ही पढ़ाई छोडऩे (ड्रॉपआउट) की समस्या पर अंकुश लगाने के लिए केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय ने अगले वित्त वर्ष से लड़कियों की शिक्षा पर खास तवज्जो देने का फैसला किया है। इसके साथ मंत्रालय ने पिछले साल की यूपीएससी परीक्षा में 100 से अधिक अल्पसंख्यक अभ्यार्थियों की सफलता के मद्देनजर यूपीएससी कोचिंग में ज्यादा मदद देने का भी निर्णय लिया है। आम बजट के बाद अल्पसंख्यक कार्य मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने अपने मंत्रालय के आला अधिकारियों के साथ बैठक की और वित्त वर्ष 2018-19 में कामकाज का खाका तैयार करने को लेकर चर्चा की। मंत्रालय के बजट में इस बार 505 करोड़ रुपए का इजाफा किया गया है और अब यह 4700 करोड़ रुपए हो गया है।
नकवी ने‘ बताया,‘‘अगले वित्त वर्ष में हम लड़कियों की शिक्षा और प्रतियोगी परीक्षाओं खासकर यूपीएससी कोचिंग की सुविधा पर मुख्य रूप से जोर देंगे। मैंने अधिकारियों से कहा है कि वे इसको लेकर खाका तैयार करें। उन्होंने कहा,‘‘अभी तक जितने सर्वे आये उनमें अल्पसंख्यक समाज के बच्चों में ड्रॉपआउट की समस्या सबसे ज्यादा है और इसमें भी लड़कियों की तादाद कहीं ज्यादा है। यह भी पाया गया है कि बहुत बड़ी तादाद में लड़कियां स्कूली शिक्षा भी पूरी नहीं कर पा रही हैं। ऐसे में लड़कियों की शिक्षा पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है।
अल्पसंख्यकों में स्कूली शिक्षा की स्थिति सुधारने के मद्देनजर पिछले साल नकवी ने अल्पसंख्यक बहुल इलाकों में नवोदय विद्यालय जैसे 100 स्कूल खोलने का एलान किया था। नकवी ने कहा, इन स्कूलों को खोलने के लिए तेजी से काम हो रहा है और इस साल से 15-20 स्कूलों के शुरू होने की उम्मीद है।मंत्री ने बताया,‘‘पिछले साल हमने यूपीएससी की कोचिंग के लिए मदद दी और इसका नतीजा यह हुआ कि अल्पसंख्यक समुदायों के 100 से अधिक अभ्यार्थियों का चयन हुआ और इसमें 50 से ज्यादा मुस्लिम समाज के थे। इस परिणाम से हमारा हौसला बढ़ा है। हम अब इस तरफ भी विशेष ध्यान देने जा रहे हैं।मंत्रालय के बजट में बढ़ोतरी के सवाल पर नकवी ने कहा, पहली बार मंत्रालय के बजट में इतनी बढोतरी की गई है। इससे हमें योजनाओं को और तेजी से आगे बढ़ाने में मदद मिलेगी। मोदी सरकार अल्पसख्यंकों का तुष्टीकरण नहीं, बल्कि सम्मान के साथ सशक्तिकरण कर रही है।