दिल्ली में 80 प्रतिशत से अधिक निजी स्कूल आरटीई लागू नहीं कर रहे : रिपोर्ट

Edited By bharti,Updated: 20 Feb, 2019 07:11 PM

more than 80 percent private schools in delhi do not implement rte report

एक नई रिपोर्ट में बुधवार को दावा किया गया है कि दिल्ली में 80 प्रतिशत से अधिक निजी...

नई दिल्ली : एक नई रिपोर्ट में बुधवार को दावा किया गया है कि दिल्ली में 80 प्रतिशत से अधिक निजी स्कूल शिक्षा का अधिकार (आरटीई) कानून को लागू करने में सहभागी नहीं हैं और वे आर्थिक रूप से कमजोर तबके (ईडब्ल्यूएस) के बच्चों के लिए 25 प्रतिशत सीटें भी आरक्षित नहीं कर रहे हैं। ‘‘ब्राइट स्पोर्ट्स स्टेटस ऑफ सोशल इन्क्लूकान थ्रू आरटीई’’ शीर्षक वाली यह रिपोर्ट एक सर्वेक्षण पर आधारित है, जिसमें 10,000 से अधिक लोगों की राय ली गई। यह सर्वेक्षण शिक्षा क्षेत्र में काम करने वाले एक गैर सरकारी संगठन (एनजीओ) इंडस एक्शन ने किया है। 

मुफ्त एवं अनिवार्य शिक्षा अधिनियम, 2009 की धारा 12(1)(सी) का लक्ष्य सामाजिक समावेशन को बढ़ाना और निजी, गैर सहायता प्राप्त, गैर अल्पसंख्यक स्कूलों में ईडब्ल्यूएस एवं वंचित समूहों के बच्चों के लिए न्यूनतम 25 प्रतिशत सीटें आरक्षित रखना है। सर्वेक्षण में जिक्र किया गया है कि कई राज्य स्कूलों में दाखिला प्राप्त बच्चों की निगरानी से जुड़े आंकड़े प्रकाशित नहीं कर रहे हैं, जबकि पांच राज्य तथा केंद्र शासित क्षेत्रों ने प्रावधान को अभी तक अधिसूचित ही नहीं किया है। रिपोर्ट में कहा गया है कि 13 राज्यों और केंद्र शासित क्षेत्रों के पास इस प्रावधान के तहत स्कूलों में दाखिला प्राप्त छात्रों की संख्या के बारे में तैयार सूचना उपलब्ध नहीं है।  पीवीआर नेस्ट के सहयोग से इंडस एक्शन कल इस रिपोर्ट को आधिकारिक रूप से पेश करेगा। रिपोर्ट में जिक्र है कि नीतिगत क्रियान्वयन के अभाव के पीछे एक वजह यह है कि कुछ राज्यों में आय सीमा में छूट है जबकि कुछ राज्यों में वहां की न्यूनतम मजदूरी से कम की सीमा है, वहीं कुछ राज्यों में इडब्ल्यूएस के तहत सिर्फ बीपीएल (गरीबी रेखा से नीचे) के परिवारों पर विचार किया जाता है।       
 

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