Edited By Riya bawa,Updated: 08 Sep, 2020 02:03 PM
आज की कहानी राजस्थान के 31 साल के उस युवा की है, जिसने 6 साल के भीतर पटवारी से आईपीएस अधिकारी ...
नई दिल्ली: यूपीएससी की ओर से हर वर्ष आयोजित की जाने वाली सिविल सेवा परीक्षा देश की चुनौतिपूर्ण परीक्षाओं में से एक है। इस परीक्षा को पास करने के लिए मेहनत लग्न बहुत जरुरी है। मंजिल तक पहुंचने का रास्ता कितना भी मुश्किल क्यों ना हो, इच्छाशक्ति, आत्मविश्वास हो तो आसमान में भी सुराग किया जा सकता है। एक ऐसी ही कहानी की बात करने जा रहे है जिसने कड़ी मेहनत के दम पर 6 साल के भीतर पटवारी से आईपीएस अधिकारी बना।
जानें सफलता का राज
पटवारी से आईपीएस का सफर
आज की कहानी राजस्थान के 31 साल के उस युवा की है, जिसने 6 साल के भीतर पटवारी से आईपीएस अधिकारी बनने का रास्ता तय किया। इन 6 वर्षों के दौरान वह पटवारी से सब-इंस्पेक्टर, जेलर, प्राइमरी टीचर, कॉलेज का लेक्चरर और राज्य सरकार का रेवेन्यू ऑफिसर बनकर दिखाया और आज वह गुजरात में आईपीएस अधिकारी के रूप में कार्यरत हैं।
31 वर्ष के प्रेम सुख डेलू की, जो आज गुजरात के अमरेली जिले में प्रोबेशनर असिस्टेंट सुपरीटेंडेंट ऑफ पुलिस(ASP) के पद पर कार्यरत हैं, इनकी कहानी पढ़ने के बाद आपको यह यकीन हो जाएगा कि रास्ता चाहे जितना भी मुश्किल क्यों न हो, मंजिल तक पहुंचने का हौसला है तो कुछ भी असंभव नहीं है ---
कैसे किसान का बेटा बना IPS ऑफिसर
प्रेम सुख अपने चार भाई-बहनों में सबसे छोटे हैं, उनका परिवार राजस्थान के बीकानेर में खेती करता है। बचपन से ही प्रेम सुख सरकारी ऑफिसर बनना चाहते थे। इतिहास से एमए की पढ़ाई पूरी करने के बाद साल 2010 में उन्हें अपनी पहली पटवारी की नौकरी प्राप्त हुई लेकिन नौकरी हासिल करने के बाद भी प्रेम ने पढ़ाई नहीं छोड़ी और एक के बाद एक पांच सरकारी परीक्षाएं क्रैक कर लीं। प्रेम रोजाना पांच घंटे की पढ़ाई करते हैं।
इन परीक्षाओं में किया TOP
-परिवार की बात करें तो प्रेम सुख के माता-पिता कुछ खास पढ़े लिखे नहीं हैं। बड़े भाई राजस्थान पुलिस में कांस्टेबल पद पर कार्यरत हैं, जिन्होंने प्रेम को पढ़ाई व प्रतियोगी परीखा की तैयारी के लिये खूब प्रेरित किया।
-प्रेम सुख जिस साल पटवारी बने, उसे साल उन्होंने ग्राम सेवक की परीक्षा पास की और असिस्टेंट जेलर की परीक्षा में टॉप किया। प्रेम ने इसके अगले साल B.Ed परीक्षा पास की और नेट एग्जाम क्लीयर कर कॉलेज लेक्चरर बन गए लेकिन उनका सफर यही खत्म नहीं हुआ।
-राज्य लोक सेवा आयोग की तैयारी शुरू कर दी. प्रेम ने परीक्षा तो दी, लेकिन कुछ अंक कम होने के कारण उन्हें रेवेन्यू सर्विस मिली। प्रेम कहते हैं कि जो होता है वह अच्छे के लिये होता है, इसलिये मैंने उम्मीद नहीं छोड़ी और यूपीएससी UPSC परीक्षा की तैयारी शुरू कर दी।
-साल 2015 में प्रेम ने यूपीएससी परीक्षा दी, उन्होंने हिन्दी विषय के साथ मुख्य परीक्षा दी और 170वां रैंक हासिल कर, साल 2016 में आईपीएस अधिकारी बन गये।