NCERT की किताबें नहीं पढ़ाने वाले स्कूलों के लाइसेंस रद्द करने की योजना बना रहा है शिक्षा विभाग

Edited By Sonia Goswami,Updated: 18 Aug, 2018 12:14 PM

ncert is planning to cancel the license of schools not teaching books

शैक्षणिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद, सत्र 2019 के बाद से कई बदलाव करने की योजना बना रहा है। रिपोर्ट्स के अनुसार उत्तराखंड में डीजी (शिक्षा) द्वारा एक लिखित आदेश में कहा गया है कि सीबीएसई समेत सभी बोर्डों से संबंधित स्कूलों को एनसीईआरटी की किताबें...

नई दिल्ली  : शैक्षणिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद, सत्र 2019 के बाद से कई बदलाव करने की योजना बना रहा है। रिपोर्ट्स के अनुसार उत्तराखंड में डीजी (शिक्षा) द्वारा एक लिखित आदेश में कहा गया है कि सीबीएसई समेत सभी बोर्डों से संबंधित स्कूलों को एनसीईआरटी की किताबें पढ़ानी होंगी ऐसा नहीं करने पर स्कूल का लाइसेंस रद्द किया जाएगा। आदेश में कहा गया है कि 2019 के बाद कोई स्कूल निजी प्रकाशकों की किताबें पढ़ाते पाए गए उनकी मान्यता रद्द कर दी जाएगी, जिसके लिए स्कूल स्वयं जिम्मेदार होंगे।

 

हालांकि अभी तक उत्तराखंड में ही इसे लागू किया गया है। शिक्षा विभाग ने कहा है कि गैर-एनसीईआरटी किताबों का उपयोग करने वाले स्कूलों को आईपीसी धारा 188 और अदालत की अवमानना ​​के तहत लिया जाएगा। अप्रैल 2018 के महीने में उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने सभी निजी स्कूलों को एनसीईआरटी किताबों को पढ़ाने का आदेश दिया था।

 


हालिया रिपोर्टों के अनुसार एचआरडी मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा था कि राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (एनसीईआरटी) अगले सत्र से अपने पाठ्यक्रम को 50% कम कर देगी। ऐसा स्कूलों में खेलों को अनिवार्य बनाने और 2019 से शारीरिक गतिविधियों के स्तर को बढ़ाने के लिए किया गया है।


 
एनसीईआरटी भी आईसीएसई और राज्य बोर्डों के लिए निजी प्रकाशकों की बजाय एनसीईआरटी किताबें पढ़ाने को अनिवार्य बनाने पर विचार कर रहा है। छात्रों के माता-पिता की शिकायतों के बाद एनसीईआरटी ने ये निर्णय लिया है। क्योंकि स्कूल उन्हें निजी प्रकाशकों की पुस्तकों को उच्च कीमत पर खरीदने के लिए दबाव डालते हैं। 

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