Edited By ,Updated: 23 Aug, 2016 01:56 PM
अब अगर मेडिकल कॉलेजों में ऐडमिशन चाहिए तो देना होगा नीट नैशनल एलिजिबिलिटी एंट्रेस एग्जाम और इसी के आधार पर राज्य के मेडिकल कॉलेजों में एडमिशन दिया जाएगा।
अब अगर मेडिकल कॉलेजों में ऐडमिशन चाहिए तो देना होगा नीट नैशनल एलिजिबिलिटी एंट्रेस एग्जाम और इसी के आधार पर राज्य के मेडिकल कॉलेजों में एडमिशन दिया जाएगा। 2015 में सुप्रीम कोर्ट ने एनईईटी के पक्ष में फैसला दिया था। इस फैसले के बाद एनईईटी एग्जाम को दो साल के लिए टालने की गुहार करने वाली महाराष्ट्र सरकार इसी साल से इस फैसले को लागू करेगी। बता दें कि मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और चिकित्सा शिक्षा मंत्री गिरीश महाजन ने वरिष्ठ अफसरों के साथ हुई बैठक में यह निर्णय लिया गया है।
मेडिकल कॉलेजों की दादागिरी हुई खत्म
सुप्रीम कोर्ट के आदेश से राज्य के गरीब और मेधावी छात्रों को अच्छे मेडिकल कॉलेजों में पढऩे का मौका मिल सकेगा। निजी मेजिकल कॉलेज वालों की दादगिरी और मेडिकल सीटों की खरीदफरोख्त अब खत्म हो जाएगी।
कितनी सीटें खाली
महाराष्ट्र सरकार के मेडिकल कॉलेज में 2,810 सीट हैं, वहीं निजी मेडिकल कॉलेज में 1,720 सीट व डीम्ड कॉलेज में 1,675 सीटें हैं।