Edited By pooja,Updated: 23 Oct, 2018 11:15 AM
नई शिक्षा नीति की बाट जोह रहे लोगों को फिलहाल अभी 2 महीने तक इंतजार करना पड़ सकता है। नई शिक्षा नीति के दिसम्बर तक आने की संभावना है।
नई दिल्ली : नई शिक्षा नीति की बाट जोह रहे लोगों को फिलहाल अभी 2 महीने तक इंतजार करना पड़ सकता है। नई शिक्षा नीति के दिसम्बर तक आने की संभावना है।
हालांकि इस देरी के पीछे पांच राज्यों के चुनाव के साथ-साथ नीति को पूरी तरह से ठोक-बजाकर लागू करने की कवायद भी है। ऐसे में नई नीति का मसौदा तैयार कर रही कमेटी को एक और विस्तार दिये जाने की संभावना है। इसका कार्यकाल फिलहाल 31 अक्तूबर को खत्म हो रहा है। यह इस कमेटी का 5वां विस्तार होगा।
कमेटी के एक वरिष्ठ सदस्य ने मंगलवार को अक्तूबर नवम्बर में शिक्षा नीति के पेश होने की संभावना से पूरी असहमति जताई है। उनका कहना है कि अभी नीति को लेकर समीक्षा का दौर चल रहा है। दो दिन पहले बैगलुरु में इसे लेकर कार्यशाला आयोजित की गई थी। इसमें शिक्षा के क्षेत्र से जुड़े लोगों के बीच नीति को लेकर चर्चा हुई है। हाल ही में केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने भी अक्तूबर में नई शिक्षा नीति के आने की इस संभावना पर कहा था कि जल्द ही आएगी लेकिन इसके इसी साल के अंत तक पेश होने की संभावना है। नई शिक्षा नीति में गुणवत्ता, स्वायत्तता और संशोधित पाठ्यक्रम पर सबसे ज्यादा फोकस करने की बात सामने आयी है। वैसे यह नीति वर्ष 2020 से 2040 यानि अगले 20 साल का एक ‘विजन डाक्यूमेंट’ होगा।
गौरतलब है कि मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने नई शिक्षा नीति पर काम कर रही कस्तूरीरंगन कमेटी का गठन जून 2017 में किया गया था। तब से इस कमेटी को अब तक चार बार विस्तार दिया जा चुका है।