Edited By pooja,Updated: 06 Feb, 2019 09:51 AM
दिल्ली सरकार ने सोमवार को एंटरप्रेन्योरशिप करिकुलम को लेकर सरकारी स्कूल में एक वर्कशॉप का आयोजन किया गया। इस अवसर पर 80 से ज्यादा एनजीओं ने वर्कशॉप में भाग लिया।
नई दिल्ली: दिल्ली सरकार ने सोमवार को एंटरप्रेन्योरशिप करिकुलम को लेकर सरकारी स्कूल में एक वर्कशॉप का आयोजन किया गया। इस अवसर पर 80 से ज्यादा एनजीओं ने वर्कशॉप में भाग लिया। साथ ही वर्कशॉप में 9वीं और 11वीं कक्षा के छात्र भी मौजूद रहे। इस दौरान एनजीओ द्वारा पाठ्यक्रम को लेकर अपने विचार वर्कशॉप में मौजूद उपमुख्यमंत्री और शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया साझा किया। सरकार का कहना है कि सभी प्रतिभागियों को चार भागों में बांटा गया, जिसमें पाठ्यक्रम के लिए कंटेंट डेवलपमेंट, टीचिंग ट्रेनिंग, ऑनगोइंग सपोर्ट और मेंटरशिप-कम-स्टार्टअप विषय शामिल है। लगभग दो घंटे के विचार-विमर्श के बाद प्रत्येक समूह ने एंटरप्रेन्योरशिप माइंडसेट पाठ्यक्रम के डिजाइन और कार्यान्वयन के लिए अपने सुझाव प्रस्तुत किए।
इस मौके पर छात्रों को सम्बोधित करते हुए उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि भारत एक ऐसा देश है, जहां पर विद्वानों की कमी नहीं है। इसके बाद भी विश्व की 50 सबसे बड़ी कपंनियों में एक भी कंपनी भारत की नहीं है। इसका सबसे बड़ा कारण है कि छात्र और युवा को सही दिशा नहीं मिल पाई है। युवा बड़ी कंपनियों में काम करने के इच्छुक है। यही वजह है कि विश्व की बड़ी कंपनियों में सबसे ज्यादा भारतीय लोग काम करते हैं। भारत को एक बेहतर शुरुआत देने के लिए स्कूलों से शुरुआत करनी होगी, जिसे छात्र सशक्त हो सके और वो भी अपनी कंपनी भी खोल सके।