शिक्षा विभाग को भेजा नोटिस, पूछी उर्दू ना पढ़ाए जाने की वजह

Edited By pooja,Updated: 10 Oct, 2018 02:23 PM

notice education department ask reasons not teaching urdu

दिल्ली अल्पसंख्यक आयोग (डीएमसी) में लगातार छात्रों व अभिभावकों द्वारा शिकायतें दर्ज करवाई गईं कि उनके बच्चों पर स्कूल प्रशासन द्वारा उर्दू

नई दिल्ली : दिल्ली अल्पसंख्यक आयोग (डीएमसी) में लगातार छात्रों व अभिभावकों द्वारा शिकायतें दर्ज करवाई गईं कि उनके बच्चों पर स्कूल प्रशासन द्वारा उर्दू की बजाय संस्कृत भाषा पढऩे का दबाव बनाया जा रहा है। इन शिकायतों पर संज्ञान लेते हुए डीएमसी ने दिल्ली सरकार व दिल्ली नगर निगम के शिक्षा विभाग को नोटिस जारी कर उर्दू ना पढ़ाए जाने की वजह पूछी है। 

आयोग का कहना है कि पूर्वी दिल्ली के शाहदरा के राजीव नगर, तुखेमपुर के गवर्नमेंट सीनियर सेकेंडरी ब्यॉज स्कूल, दयालपुर के गवर्मनेंट गल्र्स सीनियर सेकेंडरी स्कूल, यमुना विहार के गवर्नमेंट ब्यॉज सीनियर सेकेंडरी स्कूल सहित उत्तर-पूर्व के कई स्कूलों में उर्दू की बजाय संस्कृत पढ़ाए जाने पर जोर दिया गया। इतना ही नहीं छात्रों से कहा गया कि यदि वो सिर्फ उर्दू ही पढऩा चाहते हैं तो दाखिला अन्य स्कूलों में ले लें। पूर्वी जिले के अलीम अब्बासी नाम के एक व्यक्ति जिनका बेटा सराय काले खान के एक गवर्नमेंट ब्यॉज सीनियर सेकेंडरी स्कूल में पढ़ता है, उसे जब उर्दू भाषा में तालीम देने से मना किया गया तो उसने आयोग में अपील की। आयोग के नोटिस के बाद शिक्षा निदेशालय की ओर से आयोग को सूचित किया गया कि उक्त स्कूल में अतिथि शिक्षक प्रदान किया गया है। आयोग ने दिल्ली सरकार के शिक्षा विभाग के साथ ही दिल्ली नगर निगम के शिक्षा विभाग को भी नोटिस जारी किया है। 
 

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