Edited By ,Updated: 24 Apr, 2017 12:47 PM
नैशनल काउंसिल ऑफ एजुकेशनल रिसर्च ऐंड ट्रेनिंग (एनसीईआरटी) अपनी स्कूली पाठ्यपुस्तकों की व्यापक समीक्षा करेगा।
नई दिल्ली : नैशनल काउंसिल ऑफ एजुकेशनल रिसर्च ऐंड ट्रेनिंग (एनसीईआरटी) अपनी स्कूली पाठ्यपुस्तकों की व्यापक समीक्षा करेगा। सूत्रों के मुताबिक प्रफेसर रंजन अरोड़ा के नेतृत्व वाला काउंसिल का पाठ्यक्रम अध्ययन विभाग इस काम को अंजाम देगा। गौरतलब है कि 2005 में नैशनल करिकुलम फ्रेमवर्क (एनसीएफ) का फ्रेमवर्क तैयार किया था। उसके बाद काउंसिल की स्कूली पाठ्यपुस्तकों में बड़ा बदलाव हुआ था। एनसीईआरटी ने यूपीए सरकार के 2014 के अंत में एनसीएफ की समीक्षा के लिए 21 एक्सपर्ट कमिटीज का गठन किया था। लेकिन यूपीए की चुनाव में हार के कारण इस काम को अंजाम नहीं दिया गया। तत्कालीन एचआरडी मिनिस्टर स्मृति ईरानी ने इस काम को तब तक के लिया टाल दिया था, जब तक एक नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति तैयार न हो जाए। बता दें कि राजनीतिक विज्ञान की पाठ्यपुस्तकों में आखिरी बार 2012 में बड़ा बदलाव किया गया था, जब एनसीईआरटी ने 9वीं, 10वीं, 11वीं और 12वीं की किताबों से संसद के विरोध के बाद छह आपत्तिजनक कार्टून को हटाए थे।