Edited By pooja,Updated: 15 Nov, 2018 10:28 AM
सीबीएसई के विद्यालयों की मान्यता के नियम अब बदल गए हैं। अब राज्य सरकारें भी इसमें महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगी। सीबीएसई अब केवल इन विद्यालयों में पठन-पाठन के स्तर को ही देखेगी।
नई दिल्ली : सीबीएसई के विद्यालयों की मान्यता के नियम अब बदल गए हैं। अब राज्य सरकारें भी इसमें महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगी। सीबीएसई अब केवल इन विद्यालयों में पठन-पाठन के स्तर को ही देखेगी।
कहा जा रहा है कि इससे सीबीएसई की मान्यता लेते समय अब फर्जीवाड़ा नहीं चल सकेगा। सीबीएसई के नए नियमों के अनुसार मान्यता अब राज्य सरकार के हाथों में होगी। सीबीएसई की टीम केवल पढ़ाई-लिखाई के स्तर को ही जांचेगी। विद्यालय की आधारभूत संरचना से जुड़े सभी मानकों की जांच जिलाधिकारी की अध्यक्षता में गठित कमेटी करेगी, इसमें जिला विद्यालय निरीक्षक भी शामिल होंगे।
यदि किसी ने कक्षा आठ तक की मान्यता राज्य सरकार से प्राप्त की हो तो सीबीएसई की मान्यता के लिए आवेदन कर सकता था और उसे राज्य सरकार से केवल एनओसी ही प्राप्त करना होता था। एनओसी मिलने के बाद सीबीएसई की टीम आती थी और मानकों की जांच करने के बाद मान्यता प्रदान करती थी। सीबीएसई ने मान्यता के नए नियम जारी करते हुए स्पष्ट किया है कि सभी विद्यालय शिक्षा का अधिकार अधिनियम के दायरे में आएंगे। इसके लिए कक्षा आठ तक की मान्यता अब राज्य सरकार से प्राप्त करना अनिवार्य कर दिया गया है। भले ही कोई इंटर तक की मान्यता के लिए आवेदन कर रहा हो, उसे भी कक्षा आठ तक की मान्यता राज्य सरकार से प्राप्त करनी होगी।