अब स्कूली बच्चे सीखेंगे क्षेत्रीय भाषाएं, ऐसे करवाई जाएगी पढ़ाई

Edited By Sonia Goswami,Updated: 28 Nov, 2018 09:13 AM

now the schoolchildren will learn regional languages such studies will be done

मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने ''एक भारत, श्रेष्ठ भारत'' कार्यक्रम के तहत ''भाषा संगम'' पहल शुरू की है, जिसके तहत बच्चों को अलग-अलग प्रदेशों की भाषाएं सीखने का मौका मिलेगा।

नई दिल्लीः मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने 'एक भारत, श्रेष्ठ भारत' कार्यक्रम के तहत 'भाषा संगम' पहल शुरू की है, जिसके तहत बच्चों को अलग-अलग प्रदेशों की भाषाएं सीखने का मौका मिलेगा। स्कूली बच्चों को ऑनलाइन माध्यम से स्कूली छात्रों को देश की अलग-अलग क्षेत्रीय भाषाएं सिखाई जाएगी।

मानव संसाधन विकास मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया कि 'भाषा संगम' पहल के तहत ई-पाठशाला के माध्यम से छात्रों को बुनियादी जानकारी प्रदान करने का प्रयास किया जा रहा है। इसमें संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल 22 भाषाओं के बारे में जानकारी दी जाएगी।

इस कार्यक्रम की शुरूआत पिछले सप्ताह की गई है। इसके तहत हिन्दी, असमिया, बंगाली, बोडो, तमिल, तेलुगु, उर्दू, गुजराती, कन्नड़, कश्मीरी, कोंकणी, मैथिली, मलयाली, मणिपुरी, मराठी, नेपाली, ओडिया, पंजाबी, संस्कृत, संथाली, सिंधी, डोगरी भाषा के बारे में छात्रों को बताया जाएगा. भाषा संगम के तहत प्रतिदिन किसी एक भाषा से संबंधित बोलचाल के शब्द और संवाद से जुड़ी पांच पंक्तियां बतायी जाती हैं।

उच्च कक्षा के छात्रों को इन पांच पंक्तियों पर आधारित पोस्टर तैयार करने को भी कहा गया है। छात्रों से कहा गया है कि वे अपने घर पर इन सीखे गए शब्दों और पंक्तियों का उपयोग करें। स्कूलों में भी संबंधित गतिविधियों को बढ़ावा देने की बात कही गई।

इस संवाद पर आधारित ऑडियो लिंक भी संलग्न किया गया है, ताकि छात्रों को उच्चारण में कोई परेशानी पेश नहीं आए। अधिकारी ने बताया कि इसका मकसद छात्रों को दूसरी भारतीय भाषाएं सीखने के लिए प्रेरित करना और भाषायी सहिष्णुता व राष्ट्रीय एकता को बढ़ावा देना है।

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