मिशन एडमिशन : दाखिले के लिए बनाएं जा रहे है अनोखे नियम

Edited By ,Updated: 12 Jan, 2017 05:51 PM

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दिल्ली में बच्चों को  नर्सरी में एडमिशन दिलवाने का दौर शुरु हो चुका हैं। सरकार के मैनेजमेंट कोटे को खत्म करने के ...

नई दिल्ली : दिल्ली में बच्चों को  नर्सरी में एडमिशन दिलवाने का दौर शुरु हो चुका हैं। सरकार के मैनेजमेंट कोटे को खत्म करने के आदेश के खिलाफ सभी प्राइवेट स्कूल हाईकोर्ट पहुच गए है। बहुत दिन से चल रही नर्सरी एडमिशन की जद्दोजहद का अभी तक कोई खास सॉल्यूशन नहीं निकल पाया है। बल्कि पिछले तीन चार हफ्ते में और उलझता गया है। डीडीए की ज़मीन पर बने स्कूलों में नेबरहुड क्राइटेरिया को मद्देनजर रखने का आदेश था। लेकिन सरकार दुारा गाइडलाइन जारी होने के बाद भी  एडमिशन के लिए  ज्यादातर पैरेंट्स  दाखिले से जुड़े नियमों को लेकर परेशान  हो रहें हैं। कुछ स्कूलों में दाखिले के लिए बच्चे का आधार कार्ड होना जरूरी था, तो कहीं एड्रेस प्रूफ के तौर पर रेंट एग्रीमेंट नहीं लिए जा रहे, लिहाजा अभिभावको परेशानी हो रही है। 

पड़ोस के अंक बिगाड़ रहे हैं नॉन सिबलिंग  वालों का खेल 
निजी स्कूलों में चल रही नर्सरी दाखिला प्रक्रिया में पड़ोस के अंक नॉन सिबलिंग (बिना भाई-बहन) वालों का खेल बिगाड़ रहे हैं। दरअसल, कुछ स्कूलों ने नेबरहुड (पड़ोस) व सिबलिंग (भाई-बहन) के अंक इस तरह से तय किए हैं कि जिन बच्चों के भाई-बहन नहीं उनके दाखिले में मुश्किल होगी।
 
स्कूूलों की मनमानी के आगे अभिभावक बेबस हैं। स्कूलों के फॉर्म में पूछे जा रहे सवालों ने भी अभिभावकों को परेशान कर रखा है। इसमें किराए के घर, अपने घर, कितना किराया देते हैं ऐसी जानकारी ली जा रही हैं।

वहीं, 15 अंक ऐसे बच्चों को मिल रहे हैं, जो उस स्कूल के प्ले स्कूल में गए हो। बता दें कि हाल ही में सरकार ने सरकारी जमीन पर बने स्कूलों के लिए गाइडलाइन जारी की है।

इसके बाद स्कूलों ने अपने-अपने मानक तय कर दाखिला प्रक्रिया शुरू कर दिया। सरकार ने 0-1 किलोमीटर में नेबरहुड (पड़ोस) व सिबलिंग (भाई-बहन) के आधार पर दाखिला देने की बात कही है।

डीएवी स्कूल (रोहिणी) ने जो मानक तय किए हैं उसके मुताबिक पड़ोस के अंकों को इस तरह से बांट दिया है कि जिनके भाई-बहन नहीं, उनका दाखिला नहीं हो सकेगा। स्कूल ने 0-1 किलोमीटर वालों के लिए पड़ोस के 70 अंक तय किए हैं जबकि 1-3 किलोमीटर वाले के लिए 60 व तीन से छह किमी वालों के लिए 50 अंक तय किए हैं। 

भाई-बहन के लिए 30 अंक निर्धारित किए गए हैं। ऐसे में यदि किसी को पड़ोस के 70 अंक व भाई-बहन के 30 अंक मिल जाए तो उसके 100 अंक हो जाएंगे। लिहाजा उसके दाखिले के पूरे चांस हैं, लेकिन यदि कोई केवल पड़ोस के आधार पर दाखिला चाहेेगा तो 70 अंक ही बनेंगे।

शैक्षणिक योग्यता भी पूछी
एपीजे साकेत स्कूल तो ऐसे बच्चों को 15 अंक दे रहा है जिन्होंने उनके ही किसी स्कूल से पढ़ाई की है। आदर्श किंडरगार्डन स्कूल (विकास पुरी) फॉर्म में न केवल अभिभावकों की शैक्षणिक योग्यता व प्रोफेशन की जानकारी ले रहा है बल्कि महीने की आय भी पूछ रहा है।

फॉर्म में अभिभावकों से पूछा गया है कि क्या उनका अपना घर है, क्या किराए के घर में रहते हैं व कितना किराया देते हैं। एडमिशन नर्सरी डॉट कॉम प्रमुख सुमित वोहरा ने कहा कि फोरम पर अभिभावक अपनी शिकायत बता रहे हैं।

इससे साफ है कि स्कूल मनमानी कर रहे हैं और मनाही के बावजूद अभिभावकों की स्क्रीनिंग कर रहे हैं। वे निदेशालय की गाइडलाइन का भी उल्लंघन कर रहे हैं। निदेशालय को ऐसे स्कूलों के खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए।

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