Edited By bharti,Updated: 16 Jan, 2019 04:47 PM
राजधानी के लगभग 1700 स्कूलों और पूर्वी दिल्ली नगर निगम व उत्तरी दिल्ली नगर निगम के स्कूलों में नर्सरी...
नई दिल्ली (पुष्पेंद्र मिश्र) : राजधानी के लगभग 1700 स्कूलों और पूर्वी दिल्ली नगर निगम व उत्तरी दिल्ली नगर निगम के स्कूलों में नर्सरी, केजी व पहली कक्षा में दाखिले केलिए मंगलवार से ईडब्ल्यूएस-डीजी व दिव्यांग वर्ग के आवेदन शुरू हो गए हैं। तमाम जगहों पर ऑनलाइन आवेदन करने वाले अभिभावकों को मंगलवार को समस्याओं का सामना करना पड़ा। इसका कारण रहा उनके पास दाखिले के लिए जरूरी पपत्रों का न होना। अभिभावकों को निदेशालय द्वारा जारी अधिसूचना में इस कैटेगरी के लिए बताए गए पपत्रों के साथ शिक्षा निदेशालय की वेबसाइट पर जाकर आवेदन कर सकते हैं। आवेदन केवल ऑनलाइन ही स्वीकार किए जाएंगे। शिक्षा के अधिकार अधिनियम 2009 के सेक्शन-12(1)(सी) के अंतर्गत निजी स्कूलों में 22 फीसदी सीटें ईडब्ल्यूएस-डीजी वर्ग के लिए और 3 फीसदी सीटें दिव्यांग वर्ग के लिए आरक्षित हैं।
इस बार निदेशालय ने ईडब्ल्यूएस, डीजी और दिव्यांग वर्ग में दाखिले के आवेदन के लिए तीन साल तक दिल्ली में निवास अवधि की शर्त को हटा दिया है। दिल्ली के निवास प्रमाण पत्र, आय प्रमाण पत्र और राजस्व विभाग द्वारा जारी राशन कार्ड होल्डर ईडब्ल्यूएस दाखिले के लिए आवेदन कर सकते हैं। नर्सरी एडमिशन डॉट कॉम के संस्थापक सुमित वोहरा कहते हैं कि निदेशालय 4 फरवरी को सामान्य श्रेणी की पहली सूची जारी करेगा जिसके 3 दिन में अभिभावकों को स्कूलों में संपर्क कर दाखिला प्रक्रिया पूरी करनी होगी।
ईडब्ल्यूएस की 27 को लिस्ट निकलनी है जिसके बाद दाखिले में एक महीना लग जाएगा। क्योंकि पहले तो ये स्कूल में लिस्ट भेजते हैं फिर स्कूल बच्चे को वेरीफाई करता है। इसमें जिन अभिभावकों ने दोनों कैटेगरी में आवेदन किया है उन्हें ईडब्ल्यूएस में नाम आने पर सामान्य श्रेणी की दाखिला फीस खोनी पड़ेगी। बीते साल 15 फरवरी को सामान्य श्रेणी की लिस्ट आई और ईडब्ल्यूएस की 7 मार्च को आनी थी जिसे दो बार आगे बढ़ाया गया।
अब ईडब्ल्यूएस में कर रहे आवेदन
जिन अभिभावकों ने सामान्य श्रेणी में आवेदन किया हुआ है और अब वह ईडब्ल्यूएस में भी आवदेन कर रहे हैं। अपर एज लिमिट तय होने के कारण जनरल कैटेगरी में जिस बच्चे का दाखिला केजी में हुआ है। ईडब्ल्यूएस में वह नर्सरी में पढ़ेगा यह भी विडंबना ही है। क्योंकि ईडब्ल्यूएस श्रेणी की अपर एज लिमिट के बाद कई अभिभावकों का कहना है कि उनका बच्चा सामान्य श्रेणी से बाहर था मगर ईडब्ल्यूएस में उसका दाखिला हो जाएगा।
डिसएडवांटेज ग्रुप में आवेदन बढ़ेंगे
डिसएडवांटेज ग्रुप में काफी अभिभावक एप्लाई करते हैं। क्योंकि इसमें एससी-एसटी की इनकम लिमिट नहीं हैं। ओबीसी की 8 लाख रुपए लिमिट है। अगर अभिभावक को 1 लाख रुपए साल फीस भरने को मिले तो भी भर सकता है। इसलिए हर कोई एप्लाई करता है।
फेक इनकम सर्टिफिकेट भी है मामला
पिछली बार सुनने में आया था कि 5-5 हजार में अभिभावकों ने दलालों के माध्यम से फेक इनकम सर्टिफिकेट बनवा लिए थे। शिक्षा निदेशालय की निगरानी कमेटी कितनी सक्रिय है, यह इस बार देखना पड़ेगा। क्योंकि जो वाकई में गरीब अभिभावक हैं उसकी जगह अगर फेक इनकम सर्टिफिकेट वालों को मौका मिल गया तो उसके बच्चे के भविष्य का क्या होगा। दिल्ली सरकार को इस मसले पर भी निगाह रखनी चाहिए। क्योंकि सामान्य श्रेणी के अभिभावक ईडब्ल्यूएस की फ्री पढ़ाई के मोह में कई बार दलालों के चक्कर में आ जाते हैं।