Edited By Sonia Goswami,Updated: 10 Aug, 2018 12:16 PM
सरकार ने अन्य पिछड़ वर्ग के छात्रों को दी जाने वाली पोस्ट मैट्रिक छात्रवृति योजना तीन साल के लिए बढ़ा दी है और इसके लिए परिवार की सालाना आमदनी की सीमा भी एक से बढ़ाकर डेढ लाख रुपए कर दी गई है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में गुरुवार को...
नई दिल्लीः सरकार ने अन्य पिछड़ वर्ग के छात्रों को दी जाने वाली पोस्ट मैट्रिक छात्रवृति योजना तीन साल के लिए बढ़ा दी है और इसके लिए परिवार की सालाना आमदनी की सीमा भी एक से बढ़ाकर डेढ लाख रुपए कर दी गई है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में गुरुवार को हुई आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति की बैठक में इस निर्णय को मंजूरी दी गई।
मंत्रिमंडल ने केन्द्र सरकार की इस छात्रवृति योजना को 2017-18, 2018-19 और 2019-20 में भी जारी रखने के प्रस्ताव का अनुमोदन किया। इस योजना के लिए 3085 करोड़ रुपए की राशि आबंटित की गई है जिसमें से 30 प्रतिशत राशि छात्राओं के लिए और 5 प्रतिशत दिव्यांग छात्रों के लिए होगी।
सरकार ने इस योजना का दायरा बढ़ाने के उद्देश्य से इसमें संशोधन करते हुए देश में ही उच्च शिक्षा हासिल करने वाले उन परिवारों के छात्रों को भी पोस्ट मेट्रिक छात्रवृति देने का निर्णय लिया है जिनके परिवार की वार्षिक आमदनी डेढ लाख रुपए हैं पहले यह सीमा एक लाख रुपए थी।
छात्रवत्ति का वितरण आधार से जुड़े बैंक खातों के जरिए किया जाएगा। सरकार का कहना है कि यह योजना वित्त से संबंधित है, इसलिए केन्द्रीय सहायता राष्ट्रीय आबंटन के अनुसार जारी की जाएगी। इससे बडी संख्या में ओबीसी छात्र इस योजना के दायरे में आ जाएंगे और उच्च शिक्षा हासिल कर सकेंगे। आधार संख्या से जुड़े होने के कारण इसकी बेहतर निगरानी की जा सकेगी। पोस्ट मैट्रिक छात्रवृति योजना (पीएमएस-ओबीसी) देश में ही अध्ययन करने वाले ओबीसी छात्रों के लिए सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय द्वारा 1998-99 से चलाई जा रही है। इसके तहत हर साल करीब 40 लाख ओबीसी छात्रों को 10वीं के बाद अध्ययन जारी रखने में मदद मिलती है।