Edited By Sonia Goswami,Updated: 17 Jan, 2019 10:25 AM
केंद्र ने दिल्ली उच्च न्यायालय से कहा है कि वह 99 वर्ष पुराने एक स्कूल में पढ़ रहे बच्चों की सुरक्षा को लेकर चिंतित है जिसका भवन जीर्ण-शीर्ण अवस्था में है। केंद्र सरकार ने दिल्ली की आप सरकार से इस स्कूल को कहीं और ले जाने का आग्रह किया है। रक्षा...
नई दिल्लीः केंद्र ने दिल्ली उच्च न्यायालय से कहा है कि वह 99 वर्ष पुराने एक स्कूल में पढ़ रहे बच्चों की सुरक्षा को लेकर चिंतित है जिसका भवन जीर्ण-शीर्ण अवस्था में है। केंद्र सरकार ने दिल्ली की आप सरकार से इस स्कूल को कहीं और ले जाने का आग्रह किया है। रक्षा मंत्रालय ने कहा कि दिल्ली सरकार का शिक्षा निदेशालय कहता है कि सेना को स्कूल के लिए या तो वैकल्पिक जमीन मुहैया कराना चाहिए या उसी स्थान पर इसके निर्माण के लिए अनापत्ति प्रमाण पत्र देना चाहिए।
दिल्ली सरकार ने उसी स्थान पर स्कूल निर्माण की अनुमति मांगी है ताकि छात्रों को कोई संभावित असुविधा नहीं हो। दिल्ली कैंट में राजपूताना राइफल्स हीरोज मेमोरियल सीनियर सेकेंडरी स्कूल को रक्षा मंत्रालय की जमीन पर बनाया गया था जिसे अगस्त 1975 में दिल्ली प्रशासन ने अपने हाथों में ले लिया और उसे राज्य सरकार से पूरी सहायता मिलती है।
गैर सरकारी संगठन सोशल ज्यूरिस्ट की तरफ से दायर जनहित याचिका पर केंद्र सरकार ने अपना हलफनामा दायर किया है जिसमें उसने आरोप लगाए कि स्कूल दयनीय हालत में है। मुख्य न्यायाधीश राजेन्द्र मेनन और न्यायमूर्ति वी.के. राव की पीठ के समक्ष 17 जनवरी को मामले पर सुनवाई होगी।