Edited By Sonia Goswami,Updated: 12 Oct, 2018 10:00 AM
जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी (JNU) के सेंटर फॉर कोरियन स्टडीज और स्कूल ऑफ लैंग्वेज एंड कल्चरल स्टडीज में हंगेल दिवस का आयोजन किया गया।
नई दिल्लीः जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी (JNU) के सेंटर फॉर कोरियन स्टडीज और स्कूल ऑफ लैंग्वेज एंड कल्चरल स्टडीज में हंगेल दिवस का आयोजन किया गया। 9 अक्टूबर को आयोजित कार्यक्रम के दौरान छात्रों ने कोरियाई गाने प्रस्तुत किए। साथ ही डांस और नाटक भी पेश किए गए।
बता दें कि दक्षिण कोरिया में कोरियन अल्फाबेट डे को हंगेल दिवस भी कहा जाता है जबकि उत्तर कोरिया में चोसोन गुल डे (Chosŏn'gŭl Day) के तौर पर जाना जाता है। कार्यक्रम का उद्घाटन जेएनयू के वीसी एम जगदीश कुमार ने दीप प्रज्वलित कर किया। इस दौरान CKS के चेयरपर्सन डॉ. विजयंती राघवन, कोरिया पर्यटन संगठन के अध्यक्ष क्यों जॉन्ग सूल समेत कई लोग मौजूद रहे।
सेंटर फॉर कोरियन स्टडीज और स्कूल ऑफ लैंग्वेज एंड कल्चरल स्टडीज में 'कोरिया कॉर्नर' कोरिया पर आधारित भारत में पहला बहुउद्देशीय सांस्कृतिक और जनसूचना केंद्र है, जो एंबेसी ऑफ रिपब्लिक ऑफ कोरिया और कोरिया फाउंडेशन द्वारा समर्थित है।
कोरिया कॉर्नर के लिए जेएनयू ने जगह दी है. कोरिया के बारे में जानने और सीखने के इच्छुक लोगों को कोरिया कॉर्नर नए उपकरण, रिसर्च मटेरियल, एकेडेमिक बुक और ऑडियो-वीडियो कंटेंट उपलब्ध कराएगा। भारत में कोरिया के राजदूत ने कहा कि कोरिया कॉर्नर जेएनयू कैंपस में 'लिटिल कोरिया' की तरह है. यहां आधुनिक और परंपरागत कोरिया के बारे में जानकारी हासिल हो सकेगी। इस समारोह के दौरान कोरियाई लोक कहानियों की तीन किताबों को भी लॉन्च किया गया। इन किताबों का हिंदी, मराठी और तमिल अनुवाद किया गया है।