Edited By Sonia Goswami,Updated: 19 Dec, 2018 09:59 AM
दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने मंगलवार को कहा कि छात्रों को उद्यमी बनने को लेकर प्रेरित करने के लिए दिल्ली सरकार अगले शैक्षाणिक सत्र से शहर के स्कूलों में विशेष पाठ्यक्रम शुरू करेगी।
नई दिल्लीः दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने मंगलवार को कहा कि छात्रों को उद्यमी बनने को लेकर प्रेरित करने के लिए दिल्ली सरकार अगले शैक्षाणिक सत्र से शहर के स्कूलों में विशेष पाठ्यक्रम शुरू करेगी।
सिसोदिया ने कहा कि छात्रों को नौकरी देने वाला बनना चाहिए और यह पाठ्यक्रम उन्हें कॉलेज की पढ़ाई से पहले प्रशिक्षित करेगा। उपमुख्यमंत्री इंदिरा गांधी दिल्ली प्रौद्योगिकी महिला विश्वविद्यालय के पहले दीक्षांत समारोह को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा, ‘‘हमने सरकारी स्कूलों में खुशहाली पर एक विषय की शुरूआत की थी। अब हम माध्यमिक और उच्चतर माध्यमिक के छात्रों के लिए अगले सत्र से उद्यमशीलता पर पाठ्यक्रम शुरू करेंगे।’’
सिसोदिया ने कहा कि उद्यमशीलता पाठ्यक्रम कक्षा नवमी से 12 वीं के छात्रों के लिए होगा। शिक्षा विभाग का भी कार्यभार संभाल रहे सिसोदिया ने कहा कि पाठ्यक्रम चार स्तरीय प्रारूप पर आधारित होगा। इसमें कहानियों और उद्यमियों के यात्रा के विश्लेषण के जरिए प्रेरित किये जाएंगे। स्थानीय समुदाय के साथ भागीदारी होगी और नये विचारों को परियोजनाओं में बदलने का सुझाव आदि होगा।
इस विचार को आगे ले जाने के लिए उन्होंने शिक्षा सचिव को उच्चाधिकार प्राप्त कार्यकारी समूह गठित करने का निर्देश दिया है। इसमें एससीईआरटी/डीआईईटी के वरिष्ठ संकाय, स्कूलों के प्रधानाचार्य और अन्य विशेषज्ञों को सदस्य के तौर पर शामिल किया जाएगा।
एससीईआरटी दिल्ली जनवरी में एक कांफ्रेंस करेगी जिसमें सरकार के प्रारूप के तहत उद्यमिता पाठ्यक्रम तैयार करने के लिए विचार आमंत्रित किये जाएंगे। सिसोदिया ने कहा कि सूचना के आधार पर अप्रैल 2019 से प्रायोगिक पाठ्यक्रम शुरू किया जाएगा।
दीक्षांत समारोह में करीब 1161 छात्राओं को डिग्री प्रदान की गयी। इसमें 504 ग्रेजुएट, 656 पोस्टग्रेजुएट और एक को डॉक्टरेट की डिग्री प्रदान की गई। दिल्ली के उपराज्यपाल और विश्वविद्यालय के कुलाधिपति अनिल बैजल ने छात्राओं को बधाई दी और सुझाव दिया कि उद्यम की शुरूआत के वक्त सरकार से उन्हें समर्थन मिलना चाहिए। ‘मेट्रो मैन’ के नाम से मशहूर ई. श्रीधरन समारोह के मुख्य अतथि थे। उन्होंने कहा कि देश का भविष्य इंजीनियरों और तकनीकी र्किमयों के हाथों में है, नेताओं के हाथ में नहीं।