Edited By Sonia Goswami,Updated: 07 Sep, 2018 12:31 PM
मैंने छह महीने की अवधि के भीतर 60,000 रुपए की राशि का कर्ज लिया है। सब इसलिए क्योंकि मुझे छह महीने से वेतन नहीं मिला है, "ये कहना है गडग के एक सरकारी स्कूल शिक्षक अनुराधा का। अनुराधा को डर है कि अगर वह सरकार के खिलाफ खुले तौर पर बोलती है, तो उसे...
मैंने छह महीने की अवधि के भीतर 60,000 रुपए की राशि का कर्ज लिया है। सब इसलिए क्योंकि मुझे छह महीने से वेतन नहीं मिला है, "ये कहना है गडग के एक सरकारी स्कूल शिक्षक अनुराधा का। अनुराधा को डर है कि अगर वह सरकार के खिलाफ खुले तौर पर बोलती है, तो उसे भुगतान नहीं मिलेगा। अनुराधा ही नहीं उनके साथ 12000 अन्य अध्यापक हैं जिन्हें वेतन नहीं मिला है।
उनका कहना है कि "हमने जिला प्रशासन को सूचित किया, राज्य सरकार और वित्त विभाग को इतने सारे पत्र लिखे लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। कर्नाटक राज्य शिक्षकों एसोसिएशन के अध्यक्ष गुरुकार कहते हैं, "किसी ने भी हमें जवाब नहीं भेजा।"
वित्त विभाग के अनुसार, केंद्रीय मानव संसाधन मंत्रालय ने राज्य सरकार को समय पर भुगतान नहीं किया जिस कारण अध्यापकों को भुगतान नहीं किया गया। विभाग अनुसार एक सप्ताह पहले लगभग 5,000 शिक्षकों का भुगतान किया जा चुका है। बाकी का भी जल्द भुगतान कर दिया जाएगा। गुरुकार के अनुसार, कर्नाटक में लगभग 25,000 शिक्षक आरएमएसए योजना के तहत नियुक्त किए गए हैं।