Edited By pooja,Updated: 04 Jan, 2019 05:27 PM
देश में शिक्षा का गुणवत्ता स्तर बढ़ाने के लिए शिक्षकों को बेहतर प्रशिक्षण दिलाने की आवश्यकता को स्वीकार करते हुए मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर
नई दिल्ली: देश में शिक्षा का गुणवत्ता स्तर बढ़ाने के लिए शिक्षकों को बेहतर प्रशिक्षण दिलाने की आवश्यकता को स्वीकार करते हुए मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने वीरवार को कहा कि देश के 20 विश्वविद्यालयों सहित विभिन्न शिक्षण संस्थानों में बीएड सहित शिक्षण प्रशिक्षण की विभिन्न डिग्रियों को मान्यता प्रदान करने से छात्रों को लाभ मिलेगा।
जावड़ेकर ने राज्यसभा में राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (संशोधन) विधेयक पर हुई चर्चा के जवाब में यह बात कही। उन्होंने कहा कि इसी मकसद से यह विधेयक लाया गया है। मंत्री के जवाब के बाद उच्च सदन ने विपक्ष द्वारा लाये गये संशोधनों को नकारते हुए इस विधेयक को ध्वनिमत से पारित कर दिया। लोकसभा इस पहले ही पारित कर चुकी है।
इस विधेयक के कानून बनने से बीएड, डीएड, एमएड तथा कई अन्य पाठ्यक्रमों की पढ़ाई कर चुके उन विद्यार्थियों को राहत मिलेगी। जिनके संस्थान के पाठ्यक्रमों को राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (एनसीटीई) से मान्यता प्राप्त नहीं थी। इससे पहले जावड़ेकर ने कहा कि देशभर में लगभग दस हजार बीएड डिग्रीधारकों की डिग्री अमान्य घोषित किये जाने के संकट से बचाने के लिये कानून में संशोधन का प्रस्ताव किया गया है। जावड़ेकर ने कहा कि सरकार बीएड को पांच साल का समन्वित पाठ्यक्रम बनाने जा रही है। इससे पहले चर्चा में भाग लेते हुए विभिन्न दलों के सदस्यों ने शिक्षा के गिरते स्तर पर ङ्क्षचता जताते हुए कहा कि सरकार को निजी शिक्षण संस्थानों पर भी लगाम कसनी चाहिए।