Edited By pooja,Updated: 14 Feb, 2019 05:35 PM
देश में पर्यावरण के साथ शिक्षा जगत में बढ़ रहा प्रदूषण देश और समाज के लिए परमाणु बम से अधिक घातक है। राजस्थान के सीकर में कल संपन्न पर्यावरण एवं प्राकृतिक
सीकर: देश में पर्यावरण के साथ शिक्षा जगत में बढ़ रहा प्रदूषण देश और समाज के लिए परमाणु बम से अधिक घातक है। राजस्थान के सीकर में कल संपन्न पर्यावरण एवं प्राकृतिक विज्ञान विषय पर दो दिवसीय अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी में कल वक्ताओं ने कहा कि किसी देश को नष्ट करने के लिए परमाणु बम की जरूरत नहीं है, बल्कि उस देश की शिक्षा प्रणाली कमजोर कर दी जाये तो उस राष्ट्र का खुद ब खुद पतन हो जायेगा।
मुख्य अतिथि गोरखपुर और कानपुर विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति प्रोफेसर अशोक कुमार ने कहा कि हम विकास के नाम पर प्रकृति का प्रतिरोध कर रहे हैं। हम अपनी संस्कृति, वेद पुराणों में दिए गए वैज्ञानिक दृष्टिकोण को भुलाकर पाश्चात्य संस्कृति को अपना चुके हैं। उन्होंने कहा कि हमें अस्तित्व की रक्षा के लिये प्रकृति के संरक्षण के प्रयास करने होंगे। प्रकृति की रक्षा के लिये हमें फिर से अपनी जड़ों की ओर लौटना होगा। दो दिन चली अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी में देश-विदेश के वैज्ञानिकों के अलावा 500 से अधिक विद्वानों एवं शोधार्थियों ने शिरकत करके विभिन्न मुद्दों पर गहन मंथन किया।