Edited By pooja,Updated: 27 Dec, 2018 10:49 AM
झारखंड के मुख्यमंत्री रघुवर दास ने राज्य में निर्धारित नियमों का अनुपालन न करने वाले और फर्जी कागजात के आधार पर सरकारी अनुदान लेने वाले सभी संबद्ध कॉलेजों की जांच कर उनकी संबद्धता रद्द करने का आदेश दिया है।
रांची: झारखंड के मुख्यमंत्री रघुवर दास ने राज्य में निर्धारित नियमों का अनुपालन न करने वाले और फर्जी कागजात के आधार पर सरकारी अनुदान लेने वाले सभी संबद्ध कॉलेजों की जांच कर उनकी संबद्धता रद्द करने का आदेश दिया है। मुख्यमंत्री ने यह निर्देश बुधवार को सूचना भवन में जनसंवाद केंद्र में सीधी बात कार्यक्रम के दौरान दिया।
साहिबगंज जिले के आशीष कुमार ने यह शिकायत दर्ज करायी थी कि बोरियो प्रखंड के एक जनजाति इंटर सह डिग्री कॉलेज में शिक्षा विभाग द्वारा तय किये गये मापदंडों का पालन नहीं किया जा रहा है। इस पर मुख्यमंत्री ने मौके पर मौजूद उच्च शिक्षा विभाग के प्रधान सचिव को आदेश दिया कि राज्य में ऐसे सभी कॉलेजों से जुड़े मामलों की जांच कर तत्काल कार्रवाई करें। दास ने कहा कि ऐसे कॉलेज छात्रों का भविष्य चैपट कर रहे हैं। यह धंधा तुरंत बंद करने की जरूरत है।
बोकारो के अभिषेक प्रियांशु द्वारा सीएम जनसंवाद में फरवरी 2011 में अनुकंपा के आधार पर नौकरी नहीं दिये जाने की शिकायत पर इस संबंध में पूछे जाने पर विभाग की ओर से बताया गया कि समय सीमा के भीतर आवेदन नहीं देने के कारण इसपर कार्रवाई नहीं हुई। सीधी बात के दौरान सीएम के प्रधान सचिव डॉ सुनील कुमार वर्णवाल ने कहा कि यदि आवेदक ने काल बाधित होने से पूर्व अनुकंपा पर नौकरी के लिए आवेदन दिया है और विभागीय प्रक्रिया में देरी की वजह से समय पर नौकरी नहीं दी गई तो, इसमें आवेदक की क्या गलती है? सीएम ने इस मामले में नियमसम्मत कार्रवाई का निर्देश दिया।
गुमला में लघु सिंचाई प्रमंडल में कोष रक्षक के पद पर कार्यरत दुलार सिंह की कार्यकाल के दौरान 01 नवम्बर 2002 को मृत्यु के उपरांत इनकी आश्रित पुत्री अनु कुमारी ने अनुकंपा के आधार पर नौकरी के लिए आवेदन दिया था। चूंकि उस समय अनु कुमारी बालिग नहीं थी, अत: विभाग ने 18 वर्ष पूर्ण होने पर पुन: आवेदन देने का परामर्श दिया। आवेदिका ने बालिग होने पर 15 जुलाई 2012 को पुन: आवेदन दिया। लेकिन, इनके आवेदन को कालबाधित मानते हुए उपायुक्त कार्यालय ने अक्टूबर 2016 को अस्वीकृत कर दिया था। इसपर मुख्यमंत्री रघुवर दास ने उपायुक्त, गुमला को आवेदिका को जिला स्तर पर किसी विभाग में नियुक्त करने का निर्देश दिया।
रांची जिले में आर्थिक रूप से कमजोर लोगों के रहने के लिए बने लगभग 450 कमरों के वाल्मीकि भवन में शौचालय की समस्या पर मुख्यमंत्री ने इस संबंध में नगर निगम के आयुक्त को वहां के सभी शौचालयों की मरम्मत कराने का निर्देश दिया। गढ़वा जिले के 25 बाल श्रमिक विद्यालयों के कुल 108 शिक्षकों को 23 माह का मानदेय भुगतान लंबित रहने की शिकायत पर गढ़वा के उपायुक्त ने बताया कि केंद्र से फंड नहीं मिलने के कारण भुगतान नहीं किया जा सका है। इसपर मुख्यमंत्री ने डीसी को ऐसे सभी विद्यालयों का आकलन करने का निर्देश दिया ताकि ऐसे विद्यालयों को सर्व-शिक्षा अभियान के तहत चलाये जा रहे विद्यालयों के साथ विलय किया जा सके। साथ ही उन्होंने इस मामले में अपने प्रधान सचिव सुनील वर्णवाल को केंद्र के श्रम विभाग सचिव से परामर्श करने का भी निर्देश दिया।
मुख्यमंत्री ने सभी उपायुक्तों को अपने जिलों के कस्तूरबा विद्यालयों सहित अन्य छात्रावासों में अविलंब पर्याप्त मात्रा में कंबल मुहैया कराने के निर्देश दिये हैं। उन्होंने कहा कि गढ़वा जिले के ग्रामीणों के एक शिष्टमंडल ने उनसे मुलाकात कर कस्तूरबा विद्यालयों में कंबल की कमी की ओर उनका ध्यान आकृष्ट कराया था। मुख्यमंत्री ने उपायुक्तों को कहा कि वे अविलंब सभी प्रखंडों के शिक्षा प्रसार पदाधिकारियों के माध्यम से कस्तूरबा विद्यालयों की स्थिति की जानकारी लें। किसी भी विद्यालय छात्रावास में कंबलों की कमी नहीं होनी चाहिए। कंबलों की खरीदारी अविलंब अनटाइड फंड से करायी जाये। मुख्यमंत्री रघुवर दास ने सीधी बात के दौरान झारखंड की जनता को नववर्ष की शुभकामनाएं दीं। उन्होंने सरकारी तंत्र से जुड़े सभी अधिकारियों और कर्मचारियों को 2018 में उनके द्वारा किए गये कार्यों की सराहना की और उनसे अपील की कि वे जनता के प्रति उत्तरदायी और संवेदनशील बनें।