Edited By bharti,Updated: 08 Apr, 2018 06:28 PM
प्राथमिक स्तर पर पाठ्यक्रम में एकरूपता सुनिश्चित करने के लिए बने राष्ट्रीय पाठ्यक्रम फ्रेमवर्क (एनसीएफ) का कई ...
नई दिल्ली : प्राथमिक स्तर पर पाठ्यक्रम में एकरूपता सुनिश्चित करने के लिए बने राष्ट्रीय पाठ्यक्रम फ्रेमवर्क (एनसीएफ) का कई प्रदेशों में निजी स्कूलों द्वारा उल्लंघन किये जाने की शिकायतें मिलने के बाद राष्ट्रीय बाल अधिकार सरंक्षण आयोग (एनसीपीसीआर) ने राज्य सरकारों से कहा है कि इन स्कूलों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए। एनसीपीसीआर ने हाल ही में सभी राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों के शिक्षा विभाग को पत्र लिखकर एनसीईआरटी की ओर से तय एनसीएफ के मुताबिक पाठ्यक्रम में एकरूपता सुनिश्चित करने को कहा है। साथ ही उसने राज्य सरकारों से यह सुनिश्चित करने को कहा है कि आभिभावकों या बच्चों को एनसीईआरटी/एससीईआरटी से इतर निजी प्रकाशकों की महंगी पुस्तकें खरीदने के लिए विवश नहीं किया जाए। शिक्षा के अधिकार कानून का क्रियान्वयन सुनिश्चित करने की जिम्मेदारी संभालने वाले एनसीपीसीआर ने यह भी कहा है कि जरूरत पड़े तो ऐसे स्कूलों की मान्यता रद्द कर दी जाए।
एनसीपीसीआर के सदस्य (शिक्षा एवं आरटीई) प्रियंक कानूनगो ने बताया,‘‘कई राज्यों में इस तरह से शिकायतें आई हैं कि कई निजी स्कूल एनसीएफ का खुला उल्लंघन कर रहे हैं। वे पैसे बनाने के लिए बच्चों को अलग अलग निजी प्रकाशकों की किताबों दे रहे हैं जो पाठ्यक्रम में एकरूपता सुनिश्चित करने के दिशानिर्देश का स्पष्ट उल्लंघन है। यह शिक्षा के अधिकार कानून के भी खिलाफ है।‘‘ उन्होंने कहा,‘‘राज्यों से कहा गया है कि वे इस तरह के स्कूलों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करें। जरूरत पड़े तो इनकी मान्यता भी रद्द की जाए।‘‘