पंजाब सरकार के सेवानिवृत्ति की आयु घटाने के निर्णय ने बढ़ाई मुश्किलें,कांट्रेक्ट और गेस्ट फैकल्टी के

Edited By Riya bawa,Updated: 10 Mar, 2020 12:14 PM

punjab government decision on retirement age increased the difficulties

पंजाब सरकार के कर्मचारियों की रिटायरमेंट उम्र 60 से घटाकर 58 करने की सूचना ने चंडीगढ़ के सरकारी कॉलेजों की दिक्कतें बढ़ा दी हैं। इस फैसले से चंडीगढ़ के पांच सरकारी डिग्री कॉलेजों ...

पंजाब सरकार के कर्मचारियों की रिटायरमेंट उम्र 60 से घटाकर 58 करने की सूचना ने चंडीगढ़ के सरकारी कॉलेजों की दिक्कतें बढ़ा दी हैं। इस फैसले से चंडीगढ़ के पांच सरकारी डिग्री कॉलेजों में प्रोफेसरों की कमी हो जाएगी। सितंबर 2020 तक सभी सरकारी कॉलेजों से 50 से अधिक प्रोफेसर की रिटायरमेंट की तैयारी है। साथ ही तीन सरकारी कॉलेजों के प्रिंसिपल भी रिटायर हो जाएंगे। इसमें जीसी-11,जीसीजी-42 जीसी-46 कॉलेज शामिल हैं। पहली बार इतने बड़े स्तर पर कॉलेज शिक्षकों की रियाटरमेंट होगी।

स्थायी भर्ती न होने से बढ़ी परेशानी
सरकारी डिग्री कॉलेजों में असिस्टेंट प्रोफेसर के 450 पद मंजूर हैं, लेकिन इनमें से 200 पद वर्षों से खाली हैं। कॉलेजों में असिस्टेंट प्रोफेसर की भी स्थायी भर्ती नहीं हो रही है। पंजाब सरकार के फैसले से सरकारी कॉलेजों में नए शिक्षण सत्र में पढ़ाई पर काफी बुरा असर पड़ने वाला है।यूनिर्वसिटी के शिक्षकों की बड़े स्तर पर रिटायरमेंट के मुद्दे को लेकर चंडीगढ़ गवर्नमेंट कॉलेज टीचर्स एसोसिएशन ने प्रशासक वीपी सिंह बदनौर को पत्र लिखकर कॉलेजों में सेंट्रल सर्विस रुल्स लागू करने की मांग की है।

कांट्रेक्ट और गेस्ट फैकल्टी के सहारे चल रही पढाई
गवर्नमेंट कॉलेज टीचर्स एसोसिएशन के जनरल सेक्रेटरी डॉ. मनोज कुमार का कहना है कि चंडीगढ़ में शिक्षकों की नियुक्ति यूजीसी की ओर से की जाती है, ऐसे में सर्विस रुल्स भी सेंटर के लागू होने चाहिए। पंजाब और हरियाणा से डेपुटेशन पर चंडीगढ़ में कार्यरत 30 के करीब प्रोफेसर इस साल रिटायर हो जाएंगे।।शहर के सरकारी कॉलेजों में पढ़ाई अब कांट्रेक्ट और गेस्ट फैकल्टी के सहारे ही चल रही है। 200 के करीब कांट्रेक्ट टीचर 2009 से नियुक्त हैं। उधर, सितंबर 2019 में 40 पार्ट टाइम असिस्टेंट प्रोफेसर की नियुक्ति की गई। हैरान करने वाली बात यह है कि हायर एजुकेशन विभाग की कार्यप्रणाली ऐसी है कि नियुक्ति के छह महीने बाद भी इन शिक्षकों को वेतन नहीं मिला है।

स्टॉफ की कमी से कई प्रस्तावित कोर्स ठंडे बस्ते में
कॉलेज में स्टॉफ न होने की वजह से नए कोर्स शुरू नहीं हो पाए। यूजीसी नियमों के तहत कॉलेज में स्टूडेंट्स की संख्या 1500 से अधिक होनी चाहिए, लेकिन अभी यहां एमकॉम,बीकॉम और अन्य कोर्स में सिर्फ 900 स्टूडेंट हैं। स्टॉफ की कमी से एमबीए, होटल मैनेजमेंट जैसे कई प्रस्तावित कोर्स ठंडे बस्ते में हैं। पंजाब यूनिवर्सिटी प्रशासन द्वारा रेगुलर स्टॉफ नहीं होने से कॉलेज की एफिलिएशन तक रद करने की चेतावनी दी जा चुकी है। बीते सत्र में बीकॉम कोर्स में दाखिले तक की मंजूरी रोक दी गई थी।

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