Edited By ,Updated: 06 Jan, 2017 11:52 AM
एेसा माना जाता है कि किताबें व्यक्ति की अच्छी दोस्त होती हैं। कुछ लोग इसे शौक के तौर पर पढ़ते है लेकिन कुछ किताबों ...
नई दिल्ली : एेसा माना जाता है कि किताबें व्यक्ति की अच्छी दोस्त होती हैं। कुछ लोग इसे शौक के तौर पर पढ़ते है लेकिन कुछ किताबों को पढ़ना बोरिंग समझते हैं अौर कंप्यूटर और टीवी को ही अपना अच्छा दोस्त मानते है। बता दें कि किताबे पढ़ना अच्छी आदतों में से एक है अगर आपमें पढ़ने की आदत है तो इससे अछि और कोई बात नहीं। पढ़ने से आपके पर्सनालिटी में निखार आता है साथ ही कम्युनिकेशन स्किल्स और भी निखर के बाहर आती है। पढ़ने की आदत से खुद बखुद आपके अंदर बदलाव आपको नज़र आएगी। इससे ज़िन्दगी को और गहरे से समझ सकेंगे। पढ़ने से आपके सोचने समझने की शक्ति बढ़ती है आप चीज़ों को और गहराई से देखते है।
रीडिंग आपको एक बेहतर कम्युनिकेटर बनाती है
दरअसल रीडिंग आपको एक बेहतर कम्युनिकेटर बनाती है. और अच्छी कम्युनिकेशन शैली की जरूरत आपको हर जगह पढ़ती है खासतौर पर करियर में आगे बढ़ने के लिए. आप ऑफिस में दूसरों पर अपना प्रभाव तभी जमा पाएंगे जब आपकी कम्नुनिकेशन शैली अच्छी होगी. आप जितना ज्यादा पढ़ेंगे, आपके द्वारा इस्तेमाल की जाने वाली शब्दों की डिक्शनरी भी उतनी ही समृद्ध होगी. इससे आप अपने विचारों को और बेहतर तरीके से प्रकट कर पाएंगे. इतना ही नहीं इससे आपकी लिखने की कला और बेहतर होती जाती है।
किताबें पढ़ने की अादत तनाव को दूर करती है
अगर आपको पढ़ने की आदत है तो आप तनाव से खुद ही दूर हो जाते है। और रचनात्मक शक्ति भी बढ़ती है। जब तक आपका दिमाग टेंशन व तनाव में होगा, वह रचनात्मक तरीके से नहीं सोच पाएगा। अकसर जब आप कोई भी किताब पढ़ते हैं तो उसके बहुत से किरदार, उनकी पृष्ठभूमि, उनकी ख्वाहिशें व इतिहास होता है। इन सबके सामने आने के बाद आप असल जिंदगी की बहुत से घटनाओं को इनसे जोड़कर देखने लगते हैं. किसी चीज़ को याद रखने की क्षमता विकसित करने का ये अच्छा तरीका है।