Edited By pooja,Updated: 24 Sep, 2018 04:39 PM
दिल्ली विश्वविद्यालय में 24 सितंबर को होने वाली उच्च स्तरीय कमेटी (रेगुलेशन कमेटी) की मीटिंग के हंगामेदार होने के आसार जताए जा रहे हैं।
नई दिल्ली : दिल्ली विश्वविद्यालय में 24 सितंबर को होने वाली उच्च स्तरीय कमेटी (रेगुलेशन कमेटी) की मीटिंग के हंगामेदार होने के आसार जताए जा रहे हैं ।आपको बता दें कि अभी पिछले सप्ताह ही भारत सरकार द्वारा दिल्ली विश्वविद्यालय के शिक्षकों के लिए अधिसूचित यूजीसी रेगुलेशन 2018 नियमावली को डीयू में लागू करने के लिए एक उच्च स्तरीय कमेटी का गठन किया गया था। इस मीटिंग में कुछ दशकों से लंबित पड़े मुद्दों को लेकर विश्वविद्यालय प्रशासन व विद्वत परिषद सदस्यों (एसी सदस्य) के बीच जबरदस्त बहस और हंगामा होने के आसार दिखाई दे रहे हैं।
बता दें कि इन लंबित मुद्दों में एडहॉक सर्विस को प्रमोशन के लिए जोडऩा, एडहॉक को परमानेंट अपॉइंटमेंट के समय महत्व देना, नियुक्ति प्रक्रिया में एडहॉक सर्विस को अधिक महत्व देना, प्रिंसिपल के पदों में आरक्षण लागू करवाना, कॉलेजों में प्रोफेसरशिप को लागू करवाना, वाइस प्रिंसिपल की नियुक्ति प्रक्रिया को पारदर्शी बनाने और प्रिंसिपल के समकक्ष बनवाना आदि ऐसे मुद्दे हैं, जिनपर आम सहमति बननी आसान नहीं है।
इसलिए मीटिंग हंगामेदार होने की पूर्ण संभावना जताई जा रही है। कमेटी के सदस्य प्रो. हंसराज सुमन ने बताया है कि मीटिंग में वाइस प्रिंसिपल का कार्यकाल दो वर्ष सुनिश्चित करवाना, कॉलेजों में प्रोफेसरशिप के लिए तीन वर्ष में तीन रिसर्च पेपर प्रकाशित करने की अनिवार्यता को समाप्त करना आदि मुद्दे हैं। इसके अलावा 4500 पदों के लिए कई बार विज्ञापन आए और उम्मीदवारों से करोड़ों रुपये शुल्क के रूप में लेने के बावजूद नियुक्ति प्रक्रिया के शुरू ना होने का मुद्दा, रिटायर्ड टीचर्स को पेंशन ना मिलने आदि मुद्दे भी प्रमुखता से उठाए जाएंगे।