Edited By bharti,Updated: 08 May, 2018 04:38 PM
कई बार लोग आगे पढ़ाई करने या विदेश जाकर शिक्षा हासिल करने के लिए बैंक से एजुकेशन लोन ले लेते है। एेसे में कई ...
नई दिल्ली : कई बार लोग आगे पढ़ाई करने या विदेश जाकर शिक्षा हासिल करने के लिए बैंक से एजुकेशन लोन ले लेते है। एेसे में कई बार आपको लोन चुकाने के लिए कई बार दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। एेसे में अगर आपने भी एजुकेशन लोन लिया है तो उसके भुगतान से पहले कुछ बातों का ध्यान रखना बेहद जरुरी है ताकि भविष्य में आपको किसी तरह की कोई परेशानी ना हो
डिफॉल्टर होने से बचें
जब भी आप बैंक से लोन लेते हैं तो आपको उसका भुगतान भी करना होता है। एजुकेशन लोन में भी आपको वापस पैसे वापस देने होते हैं, लेकिन इसकी ईएमआई बाद में शुरू होती है। इसलिए आप भले ही देर से लोन का भुगतान करें, लेकिन अपना लोन चुका दें। साथ ही डिफॉल्टर होने से बचें, क्योंकि उसके बाद आपको लोन लेने में काफी दिक्कत होती है।
रिपेमेंट स्ट्रेटिजी
एजुकेशन लोन में ईएमआई की शुरुआत पढ़ाई पूरी होने के 6 महीने बाद से होती है, इसलिए पहले ही इसकी प्लानिंग कर लें। आप यह प्लान बना लें कि आपकी कितनी किश्त होगी और आप किस तरह उसका भुगतान करेंगे।
छूट का इस्तेमाल करें
एजुकेशन लोन को लेकर कई ऐसे नियम होते हैं, जिसका आप फायदा उठा सकते हैं। कई बार सरकार कई स्थितियों में छूट देती है या आपकी आय आदि के आधार पर भी छूट दी जाती है, इसलिए पहले इन सब का पता कर लें। उसके बाद एजुकेशन लोन चुकाएं।
सिक्योरिटी को लेकर समझें नियम
चार लाख रुपये से काम राशि के लोन के लिए कोई सिक्योरिटी नहीं जमा की जाती, हालांकि, 4 लाख रुपये से अधिक राशि के लोन के लिए किसी ऐसे व्यक्ति की निजी गारंटी अनिवार्य है, जिसकी कमाई और पेमेंट क्षमता बैंक की स्वीकार्य हो। वहीं 7.5 लाख रुपये से अधिक के लोन के लिए जमानती सुरक्षा देनी होती है, जिसमें घर, गहने या सिक्योरिटीज भी शामिल हैं।
इनकम टैक्स में छूट
आयकर के नियमों के अनुसार ब्याज के रुप में चुकाई गई रकम पर छूट मिलती है। यह छूट किसी व्यक्ति को खुद, बच्चों या कानूनी माता पिता द्वारा बच्चे की शिक्षा के लिए लिए गए ब्याज पर मिलती है।