Edited By bharti,Updated: 10 Jul, 2018 05:47 PM
देश भर के मेडिकल कॉलेजों में दाखिले के लिए ली गई नीट परीक्षा पर मद्रास उच्च न्यायालय ने सीबीएसई को ...
नई दिल्ली : देश भर के मेडिकल कॉलेजों में दाखिले के लिए ली गई नीट परीक्षा पर मद्रास उच्च न्यायालय ने सीबीएसई को आदेश दिया कि क्षेत्रीय भाषा से इस वर्ष मेडिकल में प्रवेश की परीक्षा नीट में शामिल होने वाले सभी प्रतिभागियों को 196 अंक दिए जाएं। परीक्षा में कुल 49 प्रश्नों में त्रुटियां थी , जिनके लिए प्रति प्रश्न चार अंक देने का आदेश दिया गया है। मदुरै पीठ के न्यायमूर्ति सीटी सेल्वम और न्यायमूर्ति एएम बशीर अहमद ने जनहित याचिका पर यह आदेश दिया। पीठ ने सीबीएसई से कहा कि वह योग्य उम्मीदवारों की सूची को संशोधित कर इसे फिर से प्रकाशित करे।
क्या है पूरा मामला
दरअसल, पिछले दिनों कोर्ट में कुछ तमिल भाषा के छात्रों याचिका दायर करते हुए कहा था कि परीक्षा में 49 सवालों का अनुवाद गलत किया गया था, जिसके कारण वह उत्तर पुस्तिका में जवाब भी गलत भरकर आए हैं, ऐसे में उन्हें उन प्रश्नों के ज्यादा नंबर दिए जाए। कोर्ट में दायर याचिका में यह भी कहा गया है कि प्रत्येक प्रश्न 4 नंबर का था, इसलिए उन्हें 196 अंक ज्यादा दिए जाए।
दोबारा जारी होगी रैंकिग
मामले की सुनवाई के दौरान कोर्ट ने नीट परीक्षा आयोजित कराने वाले सीबीएसई बोर्ड को दोबारा से नीट की रैंक जारी करने के आदेश जारी किए हैं। कोर्ट ने अपने आदेश में रैंक जारी करने के लिए सीबीएसई को दो सप्ताह का समय दिया है। कोर्ट ने कहा कि सभी मेडिकल काउंसलिंग निरस्त की जाएंगी।
5 जुलाई को आया था रिजल्ट
गौरतलब है कि 5 जुलाई को बोर्ड ने परीक्षा के नतीजे जारी किए थे। इस परीक्षा में कल्पना कुमारी नाम की एक लड़की ने 99.99 फीसदी अंको के साथ टॉप किया था। उन्हें कुल 720 में से 691 अंक मिले हैं। वहीं, दूसरे स्थान पर तेलंगाना के रोहन पुरोहित हैं और दिल्ली के हिमांशु ने तीसरे स्थान पर अपनी जगह बनाई थी
साल में दो बार होगी नीट परीक्षा
हाल में ही कुछ वक्त पहले ही केंद्र सरकार द्वारा फैसला लिया गया है कि नीट परीक्षा का आयोजन अब साल में दो बार किया जाएगा। केंद्र सरकार ने कहा था कि नीट परीक्षा हर साल फरवरी और मई में कंप्यूटर के जरिए करवाई जाएगी। NEET में क्वॉलिफआई करने के बाद सफल छात्रों को एमबीबीएस और बीडीएस के लिए ऑल इंडिया कोटा सीट से जुड़ी काउसलिंग और राज्य स्तर पर आयोजित काउसलिंग दोनों में शामिल होने का मौका मिलता है। ऑल इंडिया कोटा सीट के लिए काउसलिंग का काम मेडिकल काउसलिंग कमेटी की ओर से किया जाता है।