BSEB 10वीं का Result अगर खराब हो तो स्‍टूडेंट एेसे निपटें तनाव से

Edited By Punjab Kesari,Updated: 22 Jun, 2017 12:50 PM

results of bseb 10th  if bad if students deal with stress

पेपरों के बाद रिजल्ट का दौर शुरू हो जाता है। यह समय बच्चों के लिए काफी मुश्किल भरा ...

नई दिल्ली : पेपरों के बाद रिजल्ट का दौर शुरू हो जाता है। यह समय बच्चों के लिए काफी मुश्किल भरा और तनावग्रस्त होता है क्योंकि इसी समय में पूरे साल की गई मेहनत का नतीजा निकलता है। अपने रिजल्‍ट  को लेकर कुछ बच्चे ज्यादा ही स्ट्रेस ले लेते है, जो उनके स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव डालता है। घरवालों की चिंता इस बात को लेकर होती है कि इस बार उनके बच्चों का परिणाम कैसा होगा। हर बार की तरह इस बार भी कुछ छात्रों को बहुत अच्छे नंबर मिलेंगे तो कुछ छात्रों का रिजल्ट निराशाजनक हो सकता है।  इस समय स्टूडेंट्स के माता-पिता की भूमिका बेहद अहम होती है। ऐसी स्थिति में उन्हें स्टूडेंट्स का मनोबल बढ़ाया जाना चाहिए।  यहां हम बताते हैं कि कैसे इन  इस समय स्टूडेंट्स के माता-पिता की भूमिका बेहद अहम होती है. ऐसी स्थिति में उन्हें स्टूडेंट्स का मनोबल बढ़ाया जाना चाहिए।

बच्‍चों से बात करें
जब रिजल्‍ट आने वाले हो तो पैरेंट्स को चाहिये कि वे बच्चे के कंधे पर हाथ रखें, उसके साथ खड़े हों और कहें कि कोई भी रिजल्‍ट जिंदगी से बड़ा नहीं होता, उठो और आगे के बारे में सोचो। ऐसे रास्तों के बारे में सोचो, जो तुम्हें तुम्‍हारे बेहतर कल की ओर ले जायें। हार के बाद भी जीत संभव है, बशर्ते अगर तुम दिमाग की परीक्षा से गुजरना न बंद करो।

बहुत ज्यादा महत्वाकांक्षी बनने से बचें
पैरेंट्स और समाज द्वारा अनुचित रूप से बहुत ज्यादा उम्मीदें लगाना आज के युवाओं में तनाव और उच्च रक्तचाप का कारण बनता हैं। इसलिए इन सब बातों से दूर अपने बच्चे की क्षमताओं व रुचियों को पहचानना बेहद जरूरी होता है।

समझदार बनें
रिजल्‍ट के समय पैरेंट्स बेहद तनावपूर्ण स्थिति से गुजर रहे बच्‍चों पर दबाव बनाने की बजाय बच्‍चों को प्रोत्साहित करने, उनका समर्थन व सराहना करने तथा समझदार बनने की आवश्यकता होती है। बच्चों की परवाह करना जरूरी होता है, लेकिन जरूरी नहीं कि रिजल्ट के समय घर जंग के मैदान जैसा बना दिया जाए।

अपने बच्‍चे को खुश रहने के लिए कहें
अपने बच्‍चे में बोर्ड रिजल्‍ट के तनाव को कम करने के लिए रमा ने बहुत ही समझदारी दिखाई उसने अपने बच्‍चे से कहा कि वह उससे बहुत प्‍यार करती हैं। क्या नंबर आएंगे, इससे उसको कोई फर्क नहीं पड़ता। उसने अपने बच्चे को उस समय पर्याप्त समय दिया, उसके साथ गेम खेली और मूवी देखी और उससे अनौपचारिक रूप से बातचीत करते रहीं। इसके अलावा रमा ने अपने बच्‍चे को महान हस्तियों के उदाहरण देकर समझाया कि एक रिजल्ट अगर बुरा आ भी जाए तो घबराने की जरूरत नहीं है। इम्तिहान तो जिंदगीभर चलते रहेंगे। रमा की तरह आपको भी समझदारी से काम लेना हैं।

बच्चों को विश्वास में लें
बोर्ड परीक्षाओं के रिजल्ट वाले दिन पैरेंट्स को अपने बच्चों का खास ख्याल रखने की जरुरत है। पिछले कुछ सालों में बोर्ड की परीक्षाओं में बेहतर परफॉर्म करने का दबाव काफी बढ़ा है, ऐसे में बच्चे रिजल्ट को लेकर बेहद तनाव में रहते हैं। उम्मीद के मुताबिक रिजल्ट न आने पर बच्चे अक्सर डिप्रेशन का शिकार हो जाते हैं, और गलत कदम उठा लेते हैं, ऐसे में पैरेंट्स के लिए जरुरी है कि बच्चों को विश्वास में लें कि रिजल्ट चाहे जो भी आये वह हमेशा उनके साथ हैं। बच्चों को यह समझाना भी बेहद जरूरी है कि खराब नतीजे को भविष्य में सुधारा जा सकता है। 
 

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